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Haryana News: बाढ़ से चारों और जन जीवन अस्त वयस्त

 
Latest Update: आज पानी लोगों के घरों तक पहुंच चुका है। लोगों को बहुत से दिक्तों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ से चारों और जन जीवन अस्त वयस्त, बुर्जुगों का कहना है कि इससे पहले 1978 में ऐसा पानी आया था लेकिन अबकी बार का यह पानी उससे भी कहीं ज्यादा है।  उपमंडल के गांवों गढ़पुर टापू व मूसेपुर के तटबंधों के टूटने से स्थिति ज्यादा खराब हो गई। Dainik Haryana News: #Weather Update(चंडीगढ): यमुना का पानी खेतों व घरों में घुस गया जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। इस पानी में बचाव का एकमात्र साधन किसान का ट्रैक्टर साबित हो रहा है जिसके माध्यम से पानी में से लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पर पंहुचाया जा रहा है। गांव ब्याना के किसानों का कहना है कि खेतों में खड़े चारे के कूप भी पानी की मार से बह गए। अपने खेतों में रखे तूडी के कूप लोगों को दूसरी जगहों पर मिले। इस पानी में लोग मदद के लिए भी आगे आ रहे है। ब्याना गांव के लोग निकटवर्ती ईंट के भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था कर रहे है। अब इस पानी ने दिल्ली की ओर अपना रूख कर लिया है ओर जल्दी ही यह पानी दिल्ली में अपना रंग दिखाएगा। Read Also: Haryana News: आम आदमी पार्टी बाढ़ पीडितों के लिए करेगी हर तरह का प्रयास यमुना नदी में आई बाढ़ से चारे की समस्या पैदा हो गई है। पश्ओं के लिए चारा पूरी तरह से खत्म हो गया है। ऐसे में सरकार की तरफ से कोई सहायता ना मिलने पर लोग आपस में ही एक दूसरे का सहयोग करने पर मजबूर हो रहे है। जिन गांवों में पानी नहीं आया है वहां के लोग बाढ़ ग्रस्त गांवों में चारा भेजने का काम कर रहे है। बाढ़ के पानी के कारण लकड़ी गीली हो जाने से लोगों के लिए खाना बनाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में सरकार की ओर से लोगों के लिए सिलैंडर की कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिस कारण लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। Read Also: PM Narendra Modi’s visit to France: फ्रांस में दंगईयों के बीच भारतीय सैना ने दिखाया अपना जलवा गांववासियों का कहना है कि प्रशासन की ओर से जो दूध के पैकेट दिए गए थे वो खराब थे तथा उनका दूध खट्टा था। वहीं लोगों ने बताया कि सरकार द्वारा जो राशन मिलता था उसकी लिस्ट में कई लोगों के नाम काट दिए गए है। कईयों के तो राशन कार्ड ही काट दिए गए है जिससे लोग परेशान है। गांववासियों ने सरकार व प्रशासन पर आरोप लगाया कि ऐसे समय में सरकार मदद करने की बजाए लोगों को परेशान कर रही है। । गांववासियों ने मजबूरन पानी आने पर अपना सामान पड़ौसियों की सहायता से मकानों की छतों पर पहुंचा पड़ा। कईयों के मकानों में पानी आने से दरारें पड़ गई है। पानी ग्रस्त मकानों वाले लोगों को दूसरों के घरों में रहना पड़ रहा है। Read Also: IND vs WI: मैच का पहला दिन रहा भारत के नाम इन्द्री के एसडीएम अशोक कुमार (Indri SDM Ashok Kumar)ने बताया कि बाढ़ के पानी से जो दो गांवों के तटबंधों में दरार आई थी उसको दुरूस्त किया जा रहा है। यदि ओर बारिश नहीं आई तो कल तक इनको ठीक कर दिया जाएगा। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। लोगों को सुविधाएं पहुंचाई जा रही है।