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Haryana : हरियाणा के इस व्यक्ति ने एक CM अर लंबे और आधा CM चौंडे कागज पर हनुमान चालीसा लिखने का बनाया रिकॉर्ड

 
Haryana News In Hindi : आज हम आपको हरियाणा में रहने वाले एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने एक सेंटीमीटर लंबे और आधे सेंटीमीटर चौडे कागज पर पूरी हनुमान चालिसा को लिखने का रिकॉर्ड बनाया है। आइए खबर में जाने इसके बारे में। Dainik Haryana News,Jitendra Pal Singh Make A Record (ब्यूरो): हरियाणा के हांसी के रामपुरा मोहल्ले में रहने वाले जितेंद्र पाल सिंह लघु कलाकृति में माहिर हैं। जो हांसी के मॉर्डन पब्लिक स्कूल में टिचर हैं। पुस्तकों में 15 पृष्ठों पर हनुमान चालिसा लिखी गई है। इसमें हनुमान जी की तस्वीर भी बनी हुई है। लेकिन जितेंद्र सिंह ने अलग ही रिकॉर्ड बनाया है। जितेंद्र पाल सिंह ने अपनी कला से एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में 36 बार अपना नाम दर्ज किया है। उन्होंने इस छोटे से पेज के टुकड़े पर 10 दिन में ही पूरी हनुमान चालीसा लिख दी है। इतना ही नहीं इस हनुमाल चालीसा को हर कोई आसानी से पढ़ सकता है। जितेंद्र सिंह साथ में पेंटिंग भी बनाते हैं। READ ALSO :India vs West Indies 2nd T20, 2023: हार्दिक पांड्या की एक गलती से टीम इंडिया को देखना पड़ा हार का मुंह

1992 में किया था ये काम :

साल 1992 में जितेंद्र सिंह ने एक चावल के दाने पर 10 देशों के झंडे बना दिए थे। सबसे चरखा बनाने का रिकॉर्ड भी उनके नाम पर है। इसके अलावा, ड्रम, गिटार, सांप सीढ़ी, पेन आदि चीजें भी बना सकते हैं। 2005 में एक ही सुई 780 धागे पिरोकर भी सभी को हैरान कर दिया था। एक मिलीमीटर पतंग भी बनाने का रिकॉर्ड भी उनके नाम पर है। 2006 में सुई में 2035 धागे पिरोए थे। READ MORE :Mahindra Electric : महिंद्रा इलेक्ट्रिक में 12 हजार करोड़ का निवेश करने जा रही ये विदेशी कंपनी 2020 में सुई में 26,700 रेशम के धागे डालकर इंडिया का रिकॉर्ड बनाया था। 15 अगस्त 3 एमएम का तिरंगा भी बनाया है। सरकार की और से भी उनको कई बार सम्मान मिल चुका है। उन पर खिलाड़ी भी पैसा बरसाते हैं। जितेंद्र पाल का कहना है कि उन्होंने बहुत से ताने भी घर वालों के सुने हैं। परिवार वालों का कहना था कि क्यों आंखें फाड़ रहे हैं। जितेंद्र उनके सो जाने के बाद अपने काम को करते थे और फिर घर वालों को बता देते हैं। कभी कभी तो सुबह के 3 बजे भी वो काम पर लगे रहते थे। जब वो 5वीं क्लास में पढ़ते थे तब उन्होंने पेंटिंग का काम सिख लिया था।