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Kaithal : कैथल की है यही निशानी, टूटी सडक़ों पर बहता पानी

 
Kaithal News : जिला प्रशासन  की कथित लापरवाही के चलते कैथल शहर में बरसाती पानी  की निकासी के  प्रबंध एकदम  से  नकारा हो चुके  हैं। शहर के हालात ऐसे हैं कि अगर हल्की सी भी बारिश  अगर यहां पर हो जाए तो जल भराव की स्थिति ऐसी प्रतीत होती है मानों  यहां  भारी मात्रा में  बारिश हुई हो।  जगह जगह पानी का भराव आम जन  जीवन  को अस्त व्यस्त कर देता है। मजे की  बात तो यह है कि जिला  प्रशासन के तमाम अफसरान जिस  जगह पर बैठते  हैं  वहां पर  भी पानी निकासी के प्रबंध शुन्य  हैं। Dainik Haryana News :#Kaithal Latest News (New Delhi) : जी हां हम  बात  कर रहे  हैं स्थानीय लघु सचिवालय  और अदालत परिसर प्रांगण  की। अक्सर  लघु सचिवालय के मुख्य गेट के  आगे  और अदालत  परिसर को जाने वाले गेट नं  2 के  पास पानी  का  इतना अधिक भराव  हो  जाता है कि कई कई दिनों तक पानी की निकासी यहां से  नहीं  हो पाती। मजे की बात  तो यह है कि  जिले  के तमाम वरिष्ठ अधिकारी यहां पर  बैठते  हैं। जब इतनी वी आई पी जगहों पर पानी निकासी  के  प्रबंध शून्य  हैं  तो फिर शहर के हालात  कैसे होंगें इस  बात का अनुमान बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है। READ ALSO :Manipur News: violence: मणिपुर हिंसा ने याद दिलाई आजदी के बाद की घटना शहर के  सबसे पॉश  इलाके हुडा सेक्टर बीस व सेक्टर  19 वाली मुख्य चौडी  सडक के हालात  हलकी सी  बारिश में ऐसे हो जाते हैं जैसे  यहां पर कई दिनों से लगातार बारिश  हुई हो। हल्की  सी  बरसात आने पर ही यहां की सडक़ों पर पानी इस कदर जमा हो जाता है कि यहां से दुपहिया वाहन चालकों को निकलना भी दुश्वार हो जाता है। वहीं अगर हम बात करें छोटी कारों की तो अक्सर छोटे वाहन चालकों को भ्भी यहां से सडक़ पार करने में सौ बार सोचना पड़ता है। पानी की निकासी  न होने के कारण खाली प्लाटों में पानी भर  जाता है।  सडक़  के दोनों तरफ पानी  भर जाने  के कारण लोगों को आवागमन करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  शहर के  व्यस्त  बाजार भगत सिंह चौक, रेलवे गेट, कबूतर चौक, जींद रोड, श्री गयारह रूद्री शिव मंदिर रोड, चंदाना गेट, सीवन गेट, माता गेट, नया बस अडडा, करनाल रोड, राम नगर,  पुराना ट्रांसपोर्ट नगर, जींद रोड पुल के नीचे की  मार्किट, ट्रेक्टर  मार्किट, लाल कोठी, बड़ी  सब्जी मंडी, अंबाला रोड, आर  के एस  डी कॉलेज  के पास का इलाका और पी डब्ल्यू डी विभाग के  मुख्य  कार्यालय के बाहर हल्की सी  बारिश से ही  हालात बद से बदतर हो जाते हैं।

करोडों  रूपयों पर फिरा पानी

READ MORE :Viral News : चौथे दिन भी हड़ताल पर रहें लिपिक, विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने दिया समर्थन सरकार द्वारा करोडों रूपए यहां पर सीवरेज  बनाने  और पानी  की निकासी के लिए बनाए जाने वाले नालों पर पानी की तरह बहाया  जाता है। मगर इन सीवरेजों की हालत यह है कि वे अक्सर गंदगी से अटे रहते  हैं। नालों की अगर  हम  बात करें  तो आज  प्रात: हल्की सी बारिश  से जहां तापमान  में हल्की गिरावट देखने को  जरूर  मिली मगर लोगों की  मुसीबतों का प्रयाय  यहां जमा हुआ पानी बन गया। ऐसा प्रतीत  होता है मानों कैथल  शहर की सुध लेने वाला कोई नहीं है।

मूक बना प्रशासन और सरकारी  तंत्र

जिला प्रशासन के साथ साथ स्थानीय विधायक को भी शहर वासियों की समस्याएं या  तो  दिखाई नहीं  दे  रहीं या फिर वे  जानबूझ कर इन समस्याओं  के साथ लोगों की तरह  ही समझौता करने को विवश हैं। कहने को यहां पर विकास कार्यों पर करोडों रूपए खर्च हो रहा है। मगर वास्तव में विकास कहीं धरातल पर हुआ दिखाई नहीं देता। शहर में बारिश और सीवरेज  के पानी की निकासी की व्यवस्था बिल्कुल ठप हो गई है। अधिकारी अपनी अपनी गाडियों में दफतर आते हैं  और पानी से निकल कर चले जाते हैं। वही हाल विधायक महोदय  का भी है। विधायक  लीला राम के  खुद के निवास के समीप  ही एक गंदे पानी की निकासी का नाला बना हुआ है जोकि धूल फांक  रहा है। अक्सर  यह नाला भी गंदगी  से सटा रहता है। कुल मिलाकर अगर हम  कैथल शहर  की  पानी निकासी की व्यवस्था की बात  करें तो राम भरोसे ही यहां पर सब कुछ चल रहा है। ऐसा प्रतीत होता है मानो प्रशासन और शासन नाम की कोई चीज यहां पर नहीं है।

क्या विधायक महोदय लेंगें  संज्ञान

READ MORE :Panchayat Elections in west Bengal: पश्चिम बंगाल में पंचायती चुनाव में खुनी खेल स्थानीय जनता को होने वाली आए दिन की इस परेशानी से भली भांति परिचित विधायक लीला राम और उनके कैथल जिले के तमाम प्रशासनिक अधिकारी क्या शहर वासियों की सुध लेंगें ?  स्थानीय जनता ने  विधायक  ओर उपायुक्त महोदय से इस विज्ञप्ति के  माध्यम से मांग  की  है कि उनकी समस्या का शीघ्र ही समाधान किया जाए। ताकि  सही मायनों में कैथल शहर का विकास हो सके । जोकि अभी तक सिर्फ और सिर्फ कागजों में ही सिमटा हुआ नजर आ रहा है।