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NDRI मे 8 से 10 April तक चलने जा रहा डायरी मेला, कौन होंगे मुख्य अतिथि

 
 Kisan Mela In Karnal :दोस्तों जैसा की आप जानते हैं तीन दिन बाद करनाल में राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान मेला( National Dairy Research) लगने जा रहा है। ऐसे में वहां पर बहुत से किसान इस मेले को देखने को लिए आएंगे और हर तरह के वहां पर स्टाल भी लगाकर अपना प्रदर्शन करेंगे। आइए खबर में जानते हैं इस साल कौन इस मेले के मुख्य अतिथि होंगे।
Dainik Haryana News : National Dairy Research :एनडीआरआई(NDRI) में लगने वाले डेयरी मेले की जानकारी सांझा करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ धीर सिंह ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान अपना 100 वां स्थापना दिवस मना रहा है इस उपलक्ष में पूरे साल भर चलने वाले विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इसी कड़ी में डेयरी मेले का आयोजन संस्थान के परिसर में 8 से10 अप्रैल को किया जायेगा है। कोविड-19 के कारण पिछले 2020 से मेले का आयोजन नहीं किया जा सका। इस साल हर जगह से किसान भारी मात्रा में इस मेले में भाग लेंगे और हर तरह के स्टाल वहां पर लागएंगे।
 निदेशक ने आगे बताया कि 100 वर्षों में एनडीआरआई(NDRI) ने दूध उत्पादन और मवेशियों की नई नस्लों जैसे करण स्विस और करण फ्राइज़ का विकास किया है  डेयरी पशुओं के लिए विशिष्ट खनिज मिश्रण तैयार किया गया है। भैंस और गिर दोनों जानवरों की क्लोनिंग की शानदार सफलता के साथ क्लोनिंग तकनीक नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है। कई नए डेयरी उत्पाद और प्रोबायोटिक्स विकसित किए गए हैं।
एनडीआरआई(NDRI) के पास अब दूध में मिलावट की जांच के लिए एक अच्छी तरह से विकसित रेफरल प्रयोगशाला है और दूध में कीटनाशक, मिलावट आदि की जांच के लिए विभिन्न पेपर स्ट्रिप्स भी विकसित किए गए  हैं। उन्होंने कहा कि भारत में सभी डेयरी स्नातकों में से लगभग 80% ने या तो राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान( National Dairy Research) में अध्ययन किया है या उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। आज दुग्ध उत्पादन में 6% की वृद्धि हो रही है लेकिन न केवल दुग्ध उत्पादकता बल्कि दूध की गुणवत्ता को सुधारने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
मेले के दौरान, बड़ी संख्या में उच्च नस्ल के दुधारू पशु विभिन्न दुग्ध उत्पादन और नस्ल प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। अनुसंधान और विकास संगठन, निजी कंपनियां और प्रगतिशील किसान आदि सहित सभी डेयरी हितधारक अपने उत्पादों/प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करेंगे। मेले के दौरान किसान संगोष्ठी और विशेषज्ञों द्वारा विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।
लगभग 100 स्टॉल होंगे जिनमें कई स्टार्ट अप और युवा अपने उत्पादों/तकनीक का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पिछला डेयरी मेला 15 से 17 फरवरी, 2020 तक आयोजित किया गया था और 3 साल के अंतराल के बाद फिर से इस का आयोजन किया जा रहा का हैं।
उन्होंने आगे बताया कि संयुक्त राष्ट्र वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज ( Millet)   वर्ष घोषित किया गया है। इसके पीछे संयुक्त राष्ट्र और सरकार का उद्देश्‍य है कि लोग देसी अनाज का सेवन ज्‍यादा से ज्‍यादा करें। इस घोषणा के बाद किसानों की खेती और इसके उत्पादों के सेवन पर संस्थान में जोर दिया जाएगा।