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Chanakya Niti : एक पिता और बेटे के बीच ऐसे होने चाहिए संबंध, जानें आचार्य चाणक्य का ज्ञान

 
Acharya Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य जो महान अर्थशास्त्री थे। उनकी नीतियों को भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फोलो किया जाता है। आचार्य चाणक्य ने मानव जीवन के बारे में बहुत सी नीतियां दी हैं जिन्हें हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए। आज हम आपको आचार्य चाणक्य की नीतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो पिता और बेटे के संबंध के बारे में है। जानने के लिए बने रहें हमारे साथ। Dainik Haryana News,Father And Son Relation(नई दिल्ली): एक पिता और बेटे का रिश्ता बड़ा ही प्यारा और अटूट होता है। अगर आप भी आचार्य चाणक्य की नीति को अपने जीवन में अपनाते हैं तो आपको हमेशा सफलता मिलती है। पिता के बिना घर सूना सा लगता है। पिता और पुत्र का संबंध अगर अच्छा होता है तो बेटे का भविष्य और पिता का बुढ़ापा आसानी से गुजरता है। READ ALSO :Windfall Tax : सरकार ने विंडफॉल टैक्स में की बढ़ोतरी, तेल कंपनियों को लगा झटका जानें क्या कह रही आचार्य चाणक्य नीति? लालयेत् पंचवर्षाणि दशवर्षाणि ताडयेत् । प्राप्ते तु षोडशे वर्षे पुत्रं मित्रवदाचरेत् ।। READ MORE :Chandrayaan 3 Live Update: आखिर चांद पर ऐसा क्या है, भारत कर रहा अपना तीसरी प्रयास और देश भी हैं जाने को आतुर इसका मतलब है 5 सालों तक बेटो को लालन पालन करना चाहिए। 10 सालों तक ये सब करें। 16 साल की आयु में उसे एक दोस्त की तरह रखना चाहिए। जब भी आपका बच्चा पांच साल का है तो उसे प्यार देना चाहिए और कठोर व्यावहार से बात नहीं करनी चाहिए। 10 साल का होने तक अपने बेटे की देखभाल बड़े की प्यार से करनी चाहिए। उसके बाद 16 साल का होने पर अगर आप अपने बेटे के साथ मित्र बनकर रहेंगे तो वो उसे जीवन में आने वाली परेशानियां, गलती और भी जो बहुत कुछ होता है सबसे पहले आपके साथ शेयर करेगा। ऐसा करने से आपको कभी भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता करने की जरूत नहीं होगी वो बड़ा ही प्यारा होगा।