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Janmashtami : जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को क्यों लगाया जाता है धनिए की पंजीरी का भोग?

 
Dhaniye Ki Panjiri Ka Bhog : इस साल जन्माष्टमी का पावन त्योहार दो बार मनाया गया है। 6 और 7 दोनों ही दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की गई है। ऐसे में आपने देखा होगा बहुत से लोग भगवान को जन्माष्टमी पर धनिए की पंजीरी का भोग लगाते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है। अंत तक हमारी खबर को पढ़ें। Dainik Haryana News,Janmashtami 2023(नई दिल्ली): हिंदू धर्म के अनुसार हर साल भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस साल दो दिन इसे मनाया गया है। रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और इसी वजह से इस दिन जन्माष्टमी मनाई जाती है। लोग बाल गोपाल को अपने घरों में रखते हैं और उनको सजाते हैं। READ ALSO :India Language : जाने कौन सी है दुनिया की पुरानी भाषाएं इस दिन हर एक मंदिर और घर मे भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को सजाया जाता है। लोग उनकी बड़ी ही श्रद्धा से पूजा करते हैं। जन्माष्टमी के दिन हिंदू धर्म के लोग भगवान का व्रत रखते हैं और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। इस दिन भगवान को 56 भोग लगाने की परंपरा है और रात को 12 बजे भगवान का जन्म हुआ था इसलिए ही जन्माष्टमी को रात में भगवान को भोग लगाया जाता है। READ MORE :Haryana Sarkar : हरियाणा सरकार ने बेटियों को इस जन्माष्टमी दी बड़ी सौगात, दुष्यंत चौटाला ने किया ऐलान अगर आप भी भोग में धनिए की पंजीरी लेते हैं तो क्या आपको पता है कि श्री कृष्ण इसी पंजीरी को क्यों खाते हैं। वर्षा ऋतु में इस त्योहार को मनाया जाता है। वैसे तो भगवान को माक्खन काफी पसंद है लेकिन उनको धनिए की पंजीरी भी बेहत ही पसंद है। इसलिए सभी भोग में पंजीरी को बनाते हैं। अगर आप भी इस जन्माष्टमी अपनी मनोकामनांए पूरा करना चाहते हैं तो अपने भगवान को पंजीरी का भोग लगाएं और पूरे मन एंव विश्वास से भगवान की पूजा करें।