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Sugriva's Monkey Army : रामायण में रावण से युद्ध के बाद कहां चली गई इतनी बड़ी सुग्रीव की वानर सेना

 
Ramayana : राम और रावण के बीच हुए भयंकर युद्ध में भगवान श्री राम की और से लड़ी थी वानर सैना जिसमें एक लाख सैनिक शामिल थे। युद्ध में राम की जीत हुई, इसके बाद कौन कहाँ गया सभी का जिक्र है, लेकिन वानर सेना को किसी का अता पता नहीं कि वो कहां गई। क्या आप जानते हैं इस बारे में। अगर जानना चाहते हैं तो बने रहें हमारे साथ। Dainik Haryana News,Ramayana Katha(नई दिल्ली): राम ने रावण के साथ युद्ध किया और रावण की ताकतवर सेना के सामने जहां अच्छे-अच्छे नहीं टीक पाते थे, वानर सेना ने उसे धूल चटा दी। सवाल इस बात का उठता है की रावण के साथ युद्ध के बाद इतनी विशाल वानर सेना आखिर गई कहाँ। अंगद, सुग्रीव का इसके बाद कोई जिक्र नहीं मिलता। READ ALSO :Baba Neem Karoli Tips : आपकी किस्मत बदलकर रख देगी बाबा नीम करोली की ये बातें आपकी जानकारी के लिए बतादें की राम और लक्ष्मण माता सीता के साथ अयोध्या लोट आए और सुग्रीव को किशकिंदा का राजा बनाया गया। अंगद को राजकुमार बनाया गया। नल नील मंत्री के पद पर रहे। पुरी की पुरी वानर सेना किशकिंदा में रही।

कहाँ बसा है किशकिंदा:

READ MORE :Crime News : कई दिनों से लापता छात्र कंकरखेडा से मिली दिल्ली किशकिंदा कर्नाटक( Kishkinda Karnataka) की तुंगभद्रा नदी के किनारे बसा है। दुनिया भर में मसहूर हम्पी के बगल में ही है। किशकिंदा के आस-पास घना जंगल है जिसे दंडक वन के नाम से जाना जाता है। इन घने वनों में रहने वाली मानव प्रजाति को वानर कहा जाता है। जहां हनुमान जी के गुरू का आश्रम था वो ॠषयकमूक पर्वत आज भी उसी नाम से जाना जाता है जो तुंगभद्रा नदी के किनारे है। यहां आज भी ऐसी बहुत सी गुफाएं हैं जहां भगवान श्रीराम और लक्ष्मण ठहरे थे।