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56 Kilometer Long Crack in the Earth : धरती में फटी 56 किलोमीटर की लंबी दरार, समुद्र में आ सकती है तबाही!

 
56 Kilometer Long Crack in the Earth : धरती में फटी 56 किलोमीटर की लंबी दरार, समुद्र में आ सकती है तबाही!
Long Crack in the Earth : ये तो आप भी जानते हैं कि पूरी दुनिया में महाद्वीपों के अलग ही रहस्य होते हैं जिनके बारे में आज तक कोई सही तरीके से जान ही नहीं पाया है। वैज्ञानिकों ने जितना भी हमें बताया है उससे ज्यादा ही कुछ देखने को मिल रहा है। हर साल धरती में दरार आ रही है जिसके बाद मानों समंदर में सैलाब आने वाला है। Dainik Haryana News,Viral News (नई दिल्ली): वैज्ञानिकों के मन में कई सवाल हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि महाद्वीप के दो हिस्सों में बंटने का कारण क्या है. अभी तक वैज्ञानिक सिर्फ यही पता लगा पाए हैं कि तीन प्लेंटे एक गति से आपस में दूर हो रही हैं जिसकी वजह से धरती में दरार आ रही है। कुछ लोगों का मानना है कि पूर्वी अफ्रीका के नीचे मौजूद गर्म पत्थरों का एक ढेर मौजूद है, जिससे ये दरारे आ रही हैं. READ ALSO :Haryana Roadways : हरियाणा के इस डिपो को मिली 2 नई हरियाणा रोडवेज बसें, इस रूटों पर होंगी रवाना

हम बात करते हैं इथोपिया कि(Ethiopia News) :

सबसे पहले इथोपिया में साल 2005 में 35 किलोमीटर की दरार आई थी। अब ये दरार हर साल बढ़ती जा रही है और माना जा रहा है कि अफ्रीका में पांच से दस मिलियन सालों में एक नया संमदर बनकर तैयार हो जाएगा। इथोपिया में करीब 18 साल में अब तक 56 किलोमीटर की लंबी दरार आ चुकी है. यानी कि हर साल एक जमीन का टुकड़ा सवा तीन किलोमीटर टूट रहा है. जमीन का यह टुकड़ा दुनिया के सबसे बड़ा महाद्वीपों में से अलग होने वाला है. नया महाद्वीप बनने वाला है. ये पूरी कहानी इथोपिया की है, जो धीरे-धीरे अफ्रीका से अलग होता जा रहा है और इस दरार में नया सागर बनेगा. READ MORE :Haryana Most Beautiful Tourism Place : ये हैं हरियाणा के 8 बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल, एक बार जरूर देखें आपको बताते चलें तीन प्लेटें हर साल अलग हो रही हैं जिनकी गति अलग है जेसे, पहली प्लेंट हर साल एक इंच अफ्रिका से दूर जा रही है और दूसरी व तीसरी 0.2 से आधा इंच तक अफ्रिका से दूर जा रही है। जहां दरार पड़ रही है, वह नूबियन, सोमाली और अरेबियन टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच मौजूद है. हालांकि, अभी तक भी वैज्ञानिकों को यह नहीं पता चला है कि आखिर ये दरार आ क्यों रही है। वैसे देखा जाए तो एक समंदर बनने में यहां पर एक करोड़ साल लग सकती है लेकिन अगर जलवायु में कुछ परिवर्तन होता है तो इसे बनने में कम समय भी लग सकता है।