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Aditya L-1 Live: चांद के बाद अब भारत ने सूर्य की और बढ़ाया कदम

 
Aditya L-1 Live: चांद के बाद अब भारत ने सूर्य की और बढ़ाया कदम
India Lunch Mission Suryaan: भारत अब सफलता की और लगातार कदम बढ़ाता जा रहा है। जिस देश ने ग़ुलामी की इतनी मार सही हो, उस देश के लिए एक बार फिर से प्रगति की और बढ़ना बड़ा ही मुश्किल है। लेकिन भारत पहले चांद तक पहुंचा और अब सूर्य की और कदम बढ़ा चुका है। Dainik Haryana News: ISRO Lunch Aditya L-1(ब्यूरो): भारत एक ऐसा देश जिसे बहुत से आक्रमण कारियों ने लूटा, 200 सालों तक अंग्रेजों की गुलामी सहन की। इसके बाद बंटवारे की मार भी सहनी पड़ी। जिस देश के बारे में कहा जा रहा था कि ये अपने लिए कभी पक्की सड़कें नहीं बनवा सकता, पक्की सडकों को तो छोड़ो आज वही भारत चांद पर अपने कदम जमाए बैठा है। देश के विज्ञान के इस कारनामे से भारत को ही नहीं बल्कि पुरे विश्व को भी फायदा होगा। दुनिया भर की स्पेस एजेंसी बहुत सा पैसा खर्च कर रही है, लेकिन भारत ने 600 करोड़ के बजट से ही मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग करवा दिया। Read Also: Parliament Special Session:वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लाने की रुकावटों पर मल्लिका अर्जुन खड़गे का रिएक्शन ये भारत और भारतवासियों के लिए बड़े ही गर्व की बात है। आज 2 सितम्बर है और भारत,के लिए एक और गर्व का दिन है। आज आदित्य एल-1 सतीश धवन स्पेस सेंटर से सूर्य की और निकल चुका है। एकेला भारत ही नहीं पुरी दुनिया स्पेस सैटेलाइट को भेजने में लगी है। भारत का आदित्य एल-1 तेजी से बादलों को चिरता हुआ 15 लाख किलोमीटर की दूरी को तय करने के लिए निकल पड़ा है। 127 दिन का ये सफर बड़ा ही दिलचस्प रहने वाला है। आदित्य एल-1 सूर्य और धरती के बीच में एक ऐसे स्थान पर जाने वाला है, जहां पर पहले ही 20 के करीब मिशन काम कर रहे हैं। सबसे ज्यादा मिशन सूर्य की और NASA ने भेजे हैं। सूर्य और धरती के बीच एक ऐसा स्थान है जहाँ ना धरती का गुरुत्वाकर्षण बल काम करता है और ना ही सूर्य का काम करता है। Read Also: Haryana Sarkar : अमरिकन सुंडी से खराब बाजरे की फसल के लिए हरियाणा सरकार देगी इतने हजार रूपये का मुआवजा इससे आगे बढ़ने से सूर्य स्पेस यान को अपनी और खिंच लेगा और मिशन पुरी तरह से फैल हो जाएगा। चांद पर लैंडिंग करने के बाद पुरे विश्व ने भारत की तारीफ की थी एक बार फिर से सभी की नजर आदित्य एल-1 पर बनी है। जो मिशन सूर्य की और गए हैं उनमें से एक आध ही विफल हुए हैं, बाकी सब को सफलता ही मिली है। श्रीहरीकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से ही चंद्रयान 3 ने उड़ान भरी थी और अब आदित्य एल-1 भी वहीं से अपने 15 लाख किलोमीटर के सफर को तय करने के लिए मिशन पर निकल पड़ा है। Read Also: Jokes: हंसते रहिए गाते रहिए सभी का कहना है कि चंद्रयान 3 केवल भारत के लिए ही ऐतिहासिक क्षण नहीं था बल्कि पुरे विश्व के लिए ही ऐतिहासिक क्षण था। चांद के दक्षिणी ध्रुव की जानकारी जो विश्व को मिल रही है वो भारत की तकनीक और मेहनत का नतीजा है। इसके बाद इसरो चीफ का कहना है कि उनका अगला मिशन चांद पर Man Mission का होगा।