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Chandrayaan 3: जब रात को चांद का तापमान होगा -200° तो क्या करेंगा भारत का विक्रम लैंडर

 
Chandrayaan 3: जब रात को चांद का तापमान होगा -200° तो क्या करेंगा भारत का विक्रम लैंडर
Vikram Lander: भारत का चंद्रयान 3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग करने के बाद से ही अच्छे से काम करने में लगा है। विक्रम लैंडर 14 दिन तक चांद पर काम करने वाला था, जो अप एक सप्ताह से भी कम का समय रहता है। Dainik Haryana News: Pargyan Rover(चंडीगढ़): विक्रम लैंडर को चांद पर लैंडिंग करे आज 7 दिन हो चुके हैं और अभी 7 दिन बाकी हैं। चंद्रयान 3 चांद पर साफ्ट लैंडिंग कर भारत का तिरंगा चांद के दक्षिणी ध्रुव पर फहराया। भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन चुका है। चांद की सतह ऊपर से बेहद ही गर्म तो थोड़ी सी खुदाई करते ही तापमान में तेजी से गिरावट आती है। रात के समय चांद का तापमान -150° से भी निचे चला जाता है। रात के समय तापमान अधिक कम होने की वजह से रोवर अच्छे से काम नहीं कर पाता, जिसकी वजह से सिर्फ 14 दिन के लिए ही प्रज्ञान रोवर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर काम करने वाला है। Read Also: Patwari on Strike: 19 हजार पटवारी हड़ताल पर, जानें क्या रहेंगी मांग

14 दिन ही क्यों काम करेगा विक्रम लैंडर

चांद पर 14 दिन तक दिन का उजाला रहने वाला है। चांद का एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर है। विक्रम लैंडर और रोवर दोनों ही दिन में काम कर सकते हैं। 14 दिन बाद चांद पर घना अंधेरा छा जाएगा। रात के समय चांद का तापमान -200° तक पहुंच जाता है। इसरो ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि रात के समय सिस्टम का जीवित रहना बड़ा ही मुश्किल है। विक्रम लैंडर और रोवर दोनों ही सुर्य की गर्मी में ही काम करते हैं। ऐसे में जब एक लंबी रात के बाद फिर से चांद पर सवेरा होगा तो विक्रम लैंडर और रोवर के फिर से जीवित होने की उम्मीद है।  

विक्रम लैंडर को वापस धरती पर लाने कि बात पर क्या कहा इसरो चीफ ने

विक्रम लैंडर और रोवर को वापस धरती पर लाने की बात,को इसरो चीफ ने साफ मना कर दिया। Read Also: Illegal Car Modifications: कार में कराई ये 5 मॉडिफिकेशन्स तो देना होगा इतना चालान ये दोनों ही चांद पर रहने वाले हैं हमेशा के लिए। चंद्रयान 3 का कुछ वजन 3900 किलोग्राम है। जो 6 टायरों वाला रोवर चांद की सतह पर शान से घुम रहा है, उसका वजन 26 किलोग्राम है। विक्रम लैंडर के काम करने का आधा समय निकल चुका आधा अभी रहता है। रोवर बहुत सी जानकारी चांद के दक्षिणी ध्रुव के भेजा चुका है और अभी लगा हुआ है।