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Electric Things : इलेक्ट्रिक चीजों की कीमतों में आई भारी गिरावट!

 
Electric Things : इलेक्ट्रिक चीजों की कीमतों में आई भारी गिरावट!
Electric Things : कोराना काल में चीजों को कारखानों तक लेकर जाने के लिए लागत ज्यादा आने लगी थी जो अब कम होकर दो साल के लेवल पर पहुंच गई थी। जानकारी मिल रही है कि इस बार इलेक्ट्रिक चीजों की कीमतों में की गई कमी का फायदा दीपावली पर आमजन को मिल सकता है। Dainik Haryana News :#Price Down (नई दिल्ली) : अगर आप किसी भी इलेक्ट्रिक चीजों को खरीदने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए बड़ी ही खास खबर हम आपके लिए लेकर आए हैं। जानकारी मिल रही है कि टीवी, मोबाइल और फ्रिज की कीमतों में तगड़ी कमी आने वाली है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों( electronic companies) की सालाना मांग में गिरावट चल रही है। अब कंपनियों का सोचना है कि क्यूं ना कीमतों में कटौती कर मांग में बढ़ोतरी की जाए। इसलिए जानकारी मिल रही है कि मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर की कीमतों में कमी देखने को मिल रही है। आइए खबर में जानते हैं कीमतों में आई कितनी कमी।

ग्राहकों को हो रहा फायदा :

कोराना काल में चीजों को कारखानों तक लेकर जाने के लिए लागत ज्यादा आने लगी थी जो अब कम होकर दो साल के लेवल पर पहुंच गई थी। जानकारी मिल रही है कि इस बार इलेक्ट्रिक चीजों की कीमतों में की गई कमी का फायदा दीपावली पर आमजन को मिल सकता है। पहले कोरोना के दौरान कंटेनर की ढलाई 8 हजार डॉलर पर पहुंच गई थीे लेकिन अब कम होकर 1 हजार डॉलर पर आ गई है। READ ALSO : ENG VS AUS: पहली पारी की गलती इंग्लैंड़ पर पड़ी भारी

80 प्रतिशत की आएगी कमी :

सेमीकंडक्टर चिप्स की कीमतों में भी सबसे निचले स्तर पर पहुंची है जो कोराना काल के दौरान कम होकर 10 वें हिस्से पर आ गया था। बताया जा रहा है कि इलेक्ट्रिक चीजों की कीमतों में 80 प्रतिशत की कमी देखने को मिल सकती है। मांग में कमी होने की वजह से ही कीमतों में कमी देखने को मिल रही है। READ MORE : Top 10 Scooters List : 10 स्कूटरों ने मार्केट में मचाया तहलका, खरीदने के लिए लोगों की लगी लाइन

जानें कितनी हुई बिक्री :

बिक्री में काफ कमी देखने को मिल रही है। साल 2022 में इलेक्ट्रिक चीजों की बिक्री 16,400 थी जो 2023 में कम होकर 11,500 हो गई हैं। इलेक्ट्रिक ब्रांड हायर इंडिया के चेयरमैन( Chairman of electric brand Haier India) का कहना है कि मांग में कमी होने के कारण कंपनियों से कंटेनर नहीं भर पा रहे हैं और किराया पूरा लग रहा है। इसके लिए कुछ ना कुछ तो करना ही होगा।