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NASA Update: 30 हजार KMPH की तेजी से पृथ्वी की और बढ़ रही आफत, अलर्ट जारी

 
NASA Update: 30 हजार KMPH की तेजी से पृथ्वी की और बढ़ रही आफत, अलर्ट जारी
Meteorite: सौर-मंडल में 13 लाख बताई जा रही है। ये उल्का पिंड गुरुत्वाकर्षण बल के कारण सूर्य के इर्द गिर्द चक्कर लगाते रहते हैं। कुछ इनमें से टूटकर पृथ्वी के कक्ष में प्रवेश कर जाते हैं। जो पृथ्वी के लिए खतरा बन जाते हैं। नासा के अनुसार यदि कोई उल्का पिंड 150 फुट से बड़ा है तो वो धरती के लिए नुकसान दायक है। जो धरती पर तबाही ला सकता है। Dainik Haryana News: #Solar System(ब्यूरो): साल में बहुत से उल्का पिंड धरती की और आते रहते हैं। पहले से ही एलर्ट जारी कर दिया जाता है। शदियों पहले डायनाशोर के खत्म होने का सबसे बड़ा कारण उल्का पिंड ही था। एक बड़ा उल्का पिंड धरती से टकराया जिसकी वजह से धरती पर भयानक विस्फोट हुआ। बहुत से राख आसमान में उड़ी आग लगी, जिसकी वजह से डायनाशोर का पुरी तरह से खात्मा हो गया। नासा ने एक बार फिर से अलर्ट जारी किया है। Read Also: Funny Jokes: हंसना हंसाना जीवन का विभिन्न अंग है  एक भारी भरकम चट्टान पृथ्वी की और बढ़ रही है। जो धरती से भी टकरा सकती है। नाशा ने एलर्ट जारी करते हुए बताया है कि 570 फूट लंबी चौड़ी चट्टान 28 हजार KMPH की रफतार से पृथ्वी की और बढ़ी आ रही है। यह चट्टान धरती से टकरा सकती है। अगर ये भारी भरकम चट्टान इसी स्पीड से धरती से टकराई तो हादसा बहुत भयानक होगा। इन उल्का पिंड की संख्या सौर-मंडल में 13 लाख बताई जा रही है। ये उल्का पिंड गुरुत्वाकर्षण बल के कारण सूर्य के इर्द गिर्द चक्कर लगाते रहते हैं। कुछ इनमें से टूटकर पृथ्वी के कक्ष में प्रवेश कर जाते हैं। जो पृथ्वी के लिए खतरा बन जाते हैं। नासा के अनुसार यदि कोई उल्का पिंड 150 फुट से बड़ा है तो वो धरती के लिए नुकसान दायक है। Read Also: Madhya Pradesh News: सीधी कांड के पीड़ित से मिलकर शिवराज सिंह चौहान ने पेश की इंसानियत की मिशाल जो धरती पर तबाही ला सकता है। नासा का कहना है कि यदि कोई चट्टान धरती से 75 लाख किलोमीटर हो तो वह पृथ्वी के लिए खतरा बन सकता है। लेकिन नासा की मौजूदा जानकारी के अनुसार जो चट्टान इस समय धरती की और बढ़ रही है वो 570 फीट लंबी और चौड़ी चट्टान है जो 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार से पृथ्वी के बेहद नजदीक पहुंच चुका है। यह चट्टान धरती के 20 लाख किलोमीटर नजदीक आ चुका है। लेकिन नासा का कहना जरूरी नही की यदि चट्टान गिरे और वो पृथ्वी से टकरा जाए। नासा ऐसी चट्टानों पर हर समय अपनी नजर बनाए रखता है।