UPI : आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 98 फीसदी पंचायतें ऐसी हैं जो पहले से ही यूपीआई का इस्तेमाल कर रही हैं। पीएमएफएस के अनुसार लगभग 1.5 लाख करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है जो पंचायतों को भुगतान डिजिटल तरीके से किया गया है।
Dainik Haryana News :#UPI Transaction(नई दिल्ली) : तकनीक के इस दौर में हर कोई पपपपप का इस्तेमाल करता है। जानकारी मिल रही है कि इस स्वतंत्रता दिवस पर सभी पंचायतें और विकास कार्य और राजस्व संग्रह के लिए डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करेंगी। पंचायती राज मंत्रायल(
Ministry of Panchayati Raj) की और सेएक जारी पत्र में कहा गया है कि राज्यों को सांसदों और विधायकों जैसे प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में यूपीआई का इस्तेमाल करने वाली पंचायतों की घोष्णा और उद्घाटन करना चाहिए। आइए जानते हैं सरकार के इस नए नियम की पूरी जानकारी।
98 प्रतिशत पंचायते कर रही इस्तेमाल :
READ ALSO :Small Business Idea : शुरू करें 12 महीने डिमांड वाला बिजनेस, हर माह कमा लेंगे लाखों रूपये आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 98 फीसदी पंचायतें ऐसी हैं जो पहले से ही यूपीआई का इस्तेमाल कर रही हैं। पीएमएफएस के अनुसार लगभग 1.5 लाख करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है जो पंचायतों को भुगतान डिजिटल तरीके से किया गया है। आने वाले समय में चेक और नकद बंद हो जाएगा। आंकड़ों का कहना है कि 98 फीसदी पंचायतें ऐसी हैं जो यूपीआई का इस्तेमाल कर रही हैं। पंचायतों को भी सेवा प्रदाताओं और वेंड के साथ 30 जून को बैठक होने को कहा गया है। गूगल पे(
google pay), फोनपे(Phone Pay), पेटीएम(Paytem), भीम(Bhim), मोबिक्विक(
mobikwik), व्हाट्सएप पे(Wtsap), एमेजन पे(
on amazon) और भारत पे जैसे यूपीआई(UPI) मंचों के अधिकारियों और कर्मचारियों के विवरण वाली सूची मंत्रालय ने दी है।
जारी हुए आदेश :
READ MORE :बैंक में ज्यादा खाते रखने वालों के लिए RBI ने किया अलर्ट जारी! मंत्रालय की और से जानकारी दी जा रही है कि 15 जुलाई तक उपयुक्त सेवा प्रदाता को चुनना होगा। इसके अलावा 30 जुलाई तक वेंडर का नाम भी बताया होगा। सभी पंचायतों को एकेला वेंडर चुनना होगा जो पूरे क्षेत्र को कवर करता है। लेने देन में किसी तरह की कोई गड़बड़ ना हो इसलिए केंद्रीकृत डैशबोर्ड बनाने के लिए भी कहा गया है। पंचायती राज राज्यमंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल(
Minister of State for Panchayati Raj Kapil Moreshwar Patil) का कहना है क अगर डिजिटल लेन देन होता है तो भ्रष्टाचार से लोगों को छुटकारा मिलेगा और किसी भी तरह की धोखधड़ी नहीं होगी। रिपोर्ट का कहना है कि भीम ऐप(Bhim App) से 12.98 लाख करोड़ ट्रांजेक्शन हुए हैं। 50 फीसदी लेन देन ऐसे हैं जो ग्रामीण और आसपास के गांव से हुए हैं। इसमें से 806.3 करोड़ लेद देन ऐसे हैं जो भीम ऐप से किए गए हैं।