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B.R. Ambedkar : समाज के विकास में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर का अहम योगदान

 
B.R. Ambedkar : समाज के विकास में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर का अहम योगदान
Dr. B.R. Ambedkar : विश्वविद्यालय स्थित डॉ. बी.आर. अम्बेडकर( Dr. B.R. Ambedkar) की प्रतिमा पर कुलपति द्वारा पुष्प अर्पित कर शुरु हुए कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रो. टंकेश्वर कुमार ने आयोजकों व विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश को एकजुट करने में डॉ. अम्बेडकर( Dr. B.R. Ambedkar) ने एक सूत्रधार की भूमिका निभाई। Dainik Haryana News :Dr. B.R. Ambedkar (नई दिल्ली):  अम्बेडकर की 132वीं जयंती के उपलक्ष्य में विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय की अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ व डॉ. अम्बेडकर उत्कृष्टता केंद्र (DACE) के प्रयासों से आयोजित इस विशेषज्ञ व्याख्यान को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने कहा कि भारत के निर्माण में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने किसी भी देश के विकास हेतु उसमें उपस्थित सवैंधानिक व्यवस्था को महत्त्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भारत के संविधान निर्माण के संदर्भ में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर( Dr. B.R. Ambedkar) की भूमिका सर्वविदित है। इस अवसर पर विशेषज्ञ वक्ता के रूप में ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत के प्रो. सुमित म्हस्कर व डॉ. जादूमणि महानंद उपस्थित रहे। READ ALSO : Salary Increase In 2023 : साल 2023 में इन लोगों की बढ़ेंगी सैलरी विश्वविद्यालय स्थित डॉ. बी.आर. अम्बेडकर( Dr. B.R. Ambedkar) की प्रतिमा पर कुलपति द्वारा पुष्प अर्पित कर शुरु हुए कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रो. टंकेश्वर कुमार ने आयोजकों व विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश को एकजुट करने में डॉ. अम्बेडकर( Dr. B.R. Ambedkar) ने एक सूत्रधार की भूमिका निभाई। वे समाज व देश से जुड़े विभिन्न विषयों में सक्रिय रहे और उनका योगदान महत्त्वपूर्ण रूप से जनमानस के लिए उपयोगी बना हुआ है। कुलपति ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर बहुविकल्पीय व्यवस्था के उत्तम उदाहरण हैं। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी डॉ. अम्बेडकर( Dr. B.R. Ambedkar) के विचारों की प्रासंगिकता देखने को मिलती है। ग्लोबल रिलेवेन्स ऑफ डॉ. बी.आर. अम्बेडकर( Dr. B.R. Ambedkar) विषय पर केंद्रित व्याख्यान में स्वागत भाषण प्रो. अंतरेश कुमार ने दिया। READ MORE : National Highway : नेशनल हाईवे पर अवैध कट करने वालों की हो सकती है जेल! इसके पश्चात विशेषज्ञ वक्ता प्रो. सुमित म्हस्कर ने सामाजिक समानता के स्तर पर डॉ. अम्बेडकर द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने अपने संबोधन में भारत की नहीं समूचे विश्व स्तर पर डॉ. अम्बेडकर( Dr. B.R. Ambedkar) व उनके द्वारा प्रस्तुत विचारों के महत्त्व को भी प्रतिभागियों के समक्ष रखा। इसी क्रम में अन्य विशेष वक्ता डॉ. जादूमणि ने डॉ. बी.आर. अम्बेडकर से जुड़े विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला और समाज सुधार, राजनीति, संवैधानिक बदलाव आदि के स्तर पर उनके द्वारा प्रस्तुत विभिन्न धारणाओं का उल्लेख करते हुए उनकी उपयोगिता से अवगत कराया। कार्यक्रम के आयोजन में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ. शाहजहां, श्री राकेश मीणा, डॉ. मुलाका मारूति आदि ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर 11 अप्रैल से आयोजित पेंटिंग व वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेताओं को कुलपति द्वारा सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रकोष्ठ की सदस्य डॉ. टी. लोंग्कोई ने धन्यवााद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित