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Blue Jeans : जानिए, नीले कलर की ही क्यों होती है जीन्स?

 
Blue Jeans : जानिए, नीले कलर की ही क्यों होती है जीन्स?
Why Jeans Is Blue : सभी लड़के और लड़कियां जीन्स पहनते हैं। आमतौर पर आपने देखा होगा सभी की जीन्स नीले कलर की ही होती हैं, कुछ ही जीन्स ऐसी होती हैं जो दूसरे कलर की होती हैं। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जीन्स नीले ही कलर की क्यों होती हैं। आइए खबर में जानते हैं इस सवाल का जवाब। Dainik Haryana News,Blue Jeans (ब्यूरो): जीन्स का चलन इतना ज्यादा बढ़ रहा है कि सभी नीले कलर की ही जीन्स को पसंद करते हैं। वैसे तो हर तरह के रंग की जीन्स आपको देखने को मिलती हैं लेकिन नीले कलर की जीन्स इनको फिका कर देती हैं। सबसे पहले तो नीले कलर की ही जीन्स को क्यों बनाया गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें, लीवाए स्ट्रॉस वेबसाइट के अनुसार व्यापारी लिवाय स्ट्रॉस और दर्जी जेकब डेविस ने मिलकर जीन्स बनाने की शुरुआत करी थी, उन दोनों ने मिलकर 20 मई 1873 को जीन्स पेटेंट करवाया और अपने नाम से पहली डेनिम जीन्स बेचने की शुरूआत करी थी। READ ALSO :Jawan Box Office Collection Day 24: जवान ने 24 वें दिन की कमाई से सभी को किया आल आउट, इतना रहा क्लेकशन उनके पास एक दिन मजदूर की बीवी पेंट लेने के लिए पहुंच और उसने पति की पतलून को ज्यादा मजबूत बनाने की गुजारिश करी और उस दौर मजदूरों के लिए डेनिम के कपड़े की पतलून बनाती थी। पेंट पर उन जगहों पर रिवेट यानी लोहे के पेंच लगा दिए। उन पेंचों को वहां लगाया जहां से पेंट के फटने का ज्यादा डर होता था। उनको इसका डिजाइन काफी पसंद आया और लिवाय स्ट्रॉस के साथ मिलकर इस डिजाइन का पेटेंट करवा लिया।

जानें जीन्स की क्यों होती हैं जेब छोटी?

अगर आपने जीन्स को कभी पहना है तो देखा होगा इसकी छोटी जेब होती हैं और उनमें कुछ भी नहीं आता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये जेब उस समय पॉकेट वॉच को रखने के लिए बनाया जाता था। उस समय यही एक चीज थी जो उस जेब में आ सकती थी। नीले कलर की बात की जाए तो उस समय प्राकृतिक इंडिगो डाई से नीला कलर मिलता था, इस डाई को इस वजह से ही चुना जाता था ताकि कलर निलक ना सके। READ MORE :Weather Update : मौसम विभाग ने दी जानकारी, हरियाणा में इतने दिन नहीं होगी बारिश ये कलर कॉटन में अच्छे तरीके से रिएक्ट करता था। डाई कॉटन फाइबर के आरपार चले जाते था लेकिन इंडिगो डाई फाइबर की तरह से जुड़े रहते थे।नीला रंग जीन्स पर चढ़ जाता था और हर बार धुले जाने पर कुछ डाई के मॉलिक्यूल और फाइबर छूट जाते थे जिससे जीन्स का फेड होने वाला पैटर्न उभर कर आता था. आज जीन्स को सिंथेटिक इंडिगो डाई से रंगा जाता है और उनके धागे को नीला कर दिया जाता है। इसमें फेड होने का लुक पहले से ही रहता है।