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Business News : इस खेती से किसानों को मिल रहा लाखों का फायदा

 
Business News : इस खेती से किसानों को मिल रहा लाखों का फायदा
Kisan News : अगर आप भी किसान हैं और खेती करते हैं तो आज हम आपको एक ऐसी खेती के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप महीने के लाखों रूपये कमा सकते हैं। आइए जानते हैं इस कमाल की खेती के बारे में। Dainik Haryana News,Business Tips(ब्यूरो): आज का किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर नई तकनीक से खेती करने लगा है और लाभ कमा रहा है। किसानों की आय को दौगुना करने के लिए सरकार भी किसानों को मदद कर रही है। बारिश के मौसम में मक्का की खेती की जाती है इस सुहावने मौसम में लोग भुट्टे को बड़े ही चाव से खाते हैं। मक्का वैसे भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है इससे आटा, पॉपकॉर्न, बेबीकॉर्न, कॉर्नफ्लेक्स और स्वीटकॉर्न की मार्केट में काफी मांग है। अगर आप एक बार इस खेती को कर लेते हैं तो सीजन में लाखों रूपये कमा सकते हैं। READ ALSO :Tiranga Recipe: बेहद ही स्वादिष्ट बनती है ये तिरंगा रेसिपी, जरूर बना लें आज

क्या होता है स्वीटकॉर्न?

स्वीटकॉर्न को मक्के की एक मीठी दाने वाली किस्त को बोला जाता है जो भुट्टे में दाने के रूप में तैयार होती है। इसके दानों में दूधियापन होता है और इसको खाने में बहुत मजा आता है। स्वीटकॉर्न की मांग काफी ज्यादा है तो किसान इसकी खेती करते हैं और पैसा कमाते हैं। स्वीटकॉर्न की फसल 70 दिनों के करीब तैयार होती है और इसे 55 दिनों के आसपास काट लिया जाता है। वैसे तो इसकी बुवाई जनवरी और फरवरी के महीने में की जाती है लेकिन अगर आप अगेती फसल बोना चाहते हैं तो नवंबर के महीने में भी बो सकते हैं। बुवाई के लिए दो से तीन बार अच्छे से खेत की जुताई कर लेनी चाहिए। साथ में गोबर की खाद को भी डालना चाहिए जिससे पैदावार अच्छी होती है। इसके लिए भूमि का पीएच 6.5 से 7.5 होना जरूरी है। READ MORE :Price Difference 1947 To 2023: जब 1947 में भारत आजाद हुआ था तो उस समय क्या थी महंगाई, क्या थे आलु प्याज, डिजल पैट्रोल तथा सोने के भाव अच्छी फसलों में वीएल स्वीटकॉर्न संकर, न्यूजी 260, अल्मोडा स्वीटकॉर्न आदि किस्म के बीज की बुवाई ज्यादा पैदावार देती है। इसमें 5 किलो तक प्रति एकड़ जमीन में बीज की जरूत होती है। पौधा बोने के लिए 5 सेंटीमीटर की गहराई, लाइनों की दूरी 60, और पौधे की दूरी 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए। साथ में इसकी देखभाल भी ज्यादा होती है क्योंकि मीठी फसल होने की वजह से इसे पशु खा जाते हैं इसलिए आपको इसकी देखभाल ज्यादा करनी होती है और कुछ कीटनाशक दवाइयों का भी प्रयोग करना होता है।