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Loan Default Rules : लोन ना भरने पर क्या बैंक गारंटर से लेता है पूरा पैसा, जानें बैंक का ये नियम

 
Loan Default Rules : लोन ना भरने पर क्या बैंक गारंटर से लेता है पूरा पैसा, जानें बैंक का ये नियम
Bank Loan Rule : देशभर के सभी बैंक कई तरह के लोन प्रदान करते हैं। हर रोज लाखों लोग बैंकों से लोन लेते हैं। जब भी हम बैंकों से लोन को पास कराते हैं तो कुछ नियमों को फोलो करना होता है जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। जैसे जब भी बैंक किसी को लोन देता है तो वह गारंटी के रूप में गारंटर लेता है। ऐसे में अगर लोन लेने वाला लोन नहीं भर पाता है तो क्या गारंटर से बैंक लोन लेता है या कुछ और नियम है। आइए खबर में जानते हैं बैंकों के इस नियम के बारे में। Dainik Haryana News,Bank Rule Update(New Delhi): देश में गरीब लोग भी लोन लेते हैं और बिजनेसमैन भी बैंकों से लोन लेते हैं। कई बार गरीबी व बिजनेस ना चलने की वजह से बैंकों का लोन लोग नहीं चुका पाते हैं। ऐसे में बैंक उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर देता है और उस पर कार्रवाई शुरू हो जाती है। लोन ना चुकाने के बाद बैंक लगातार नोटिस भेजता है। READ ALSO :Sam Bahadur Box office Collection Day 19: 19 वें दिन सैम बहादूर ने काटा बाक्स आफिस पर बवाल

क्या लोन ना भने पर हो जाता है डिफॉल्टर :

सभी लोग ये जानते हैं कि अगर लोन नहीं भरते हैं तो बैंक उन्हें डिफॉल्ट घोषित कर देता है, असल में ऐसा नहीं है क्योंकि अगर आप बैंक के सामने अपनी मजबूरी को मजबूति से रखते हैं तो बैंक आपकी बात को सुनकर थोड़ा और टाइम दे देता है। लेकिन अगर आप बैंक को कोई ठोस कारण नहीं दे पाते हैं तो बैंक आपको लाजमी डिफॉल्टर घोषित कर देता है जिसके बाद आपका क्रेडिट स्कोर माइनस में चला जाता है व आपकी जानकारी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी को भेज दी जाती हैं। अगर लोन के लिए कोई प्रॉपर्टी बंधक रखी है तो नियमों के तहत उसे जब्त करके नीलाम कर दिया जाता है। अगर आप समय पर ईएमआई(EMI) नहीं देते हैं और बाद में कोई ठोस कारण भी आप नहीं देते हैं तो बैंक का नोटिस आपके पास आएगा और इस नोटिस में लिखा होता है कि गारंटर को पूरा लोन चुकाना होगा व आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा। हालांकि, अगर कोई असल वजह आप देते हैं तो थोड़ा समय मिल सकता है। अगर लोन लेने वाले की अचानक से मौत हो जाती है, किसी बड़ी बीमारी का शिकार हो जाता है, परिवार में किसी की मौत हो जाती है, या किसी और परेशानी में पड़ जाता है तो बैंक आपको कुछ दिनों का समय दे सकता है। लेकिन ऐसे में बैंक के साथ पहली मुलाकात को अच्छा रखना होगा और अपने स्वभाव को भी शांत रखना होगा। READ MORE :Sam Bahadur Box office Collection Day 19: 19 वें दिन सैम बहादूर ने काटा बाक्स आफिस पर बवाल

मूलधन से ब्याज ज्यादा होने पर क्या किया जाए :

अगर आपकी आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगती है तो मूलधन की राशि से ज्यादा ब्याज आपको आने लगता है। इससे बचने के लिए बैंक आपको वन टाइम सेटलमेंट का ऑफर देते हैं. इस दशा में बैंक इस लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट( non performing asset) या एनपीएस में डाल देते हैं. इसमें उधार लेने वाला आदमी दिवालिया घोषित हो जाता है जो लोन चुकाने में अक्षम मान लिया जाता है. हालांकि, बैंक आपको इससे बचने के लिए भी मौका देता है और थोड़ी सी राशि का भुगतान करके इससे बाहर निकल सकते हैं। मूलधन की राशि को ज्यादातर माफ कर दिया जाता है।