Bank New Guideline : अगर आपने किसी भी बैंक से लोन लिया है तो ये खबर आपके काम की होने जा रही है। आबीआई की और से नए आदेश जारी किए गए हैं जिसमें साफ कहा गया है कि अगर लोन नहीं भरा तो आपको जेल हो सकती है। आइए खबर में जानते हैं पूरी डिटेल्स।
Dainik Haryana News :#RBI New Rules (चंडीगढ) : सभी लोग जैसे आम आदमी, किसान, बिजनेसमैन आदि किसी ना किसी बैंक से लोन लेते हैं। ये तो आप जानते ही हैं कि बैंक से लिया गया लोन ब्याज समेत वापस देना होता है। लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो इस लोन को नहीं भरते हैं। उनके लिए ही आरबीआई ने जानकारी दी है जिसमें कहा गया है, अगर किसी ने लोन की राशि को नहीं तो उसे जेल भी हो सकती है। किसी भी लोन की अवधि दो चार महीने की नहीं होती ये कई सालों के लिए होता है और इस दौरान लोगों को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ सकता है जिसकी वजह से वो लोन नहीं भर पाते हैं। ऐसे में अगर आपकी भी किस्त छूट जाती है तो आपको पहले ही बैंक में जाकर बात करनी चाहिए। बैंक आपको अगली किस्त चुकाने के लिए कहेगा और अगर आर्थिक स्थिति ज्यादा खराब नजर आती है तो वो आपको कुछ महीने का समय भी दे सकते हैं। लेकिन ये सब बैंक के मैनेजर पर ही निर्भर करता हे कि वो क्या कहता है। तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आप लोन को मैनेज कर सकते हैं।
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अगर किस्त चुक जाती है तो आपके पास बैंक की और से नोटिस आता है। आपको परेशान होने की जरूत नहीं होती है। इसके बाद अगर आप 60 दिनों तक अगली किस्त को नहीं चुका पाते हैं तो बैंक आपको एक और नया नोटिस भेजता है। दूसरा नोटिस आखिरी होता है। इसके बाद भी अगर आप लोन की किस्त नहीं देते हैं तो आपको सरफेसी एक्ट के तहत प्रॉपर्टी की नीलामी की प्रकिया को शुरू कर दिया जाता है और आपकी परेशानियां बढ़ने लगती हैं। इसके बाद आप बैंक में जाकर लोन ना भरने का असली कारण बता सकते हैं। ऐसे में आपको बैंक से आया कोई भी कागजात पर बिना पढ़े साइन नहीं करना है।
सोच समझकर बनें गारंटर :
READ ALSO :Today Funny Jokes: आप हंसी रोक नहीं पाएंगे आपकी जानकारी के लिए बता दें, जब भी कोई बैंक से लोन लेता है तो उसका बैंक एक गारंटर मांगता है। आपको ऐसे ही बिना सोचे समझे लोन गारंटर नहीं बनना है। क्योंकि अगर कोई लोन नहीं भरता है तो वह गारंटर को भरना पड़ सकता है। लोन लेने से पहले सभी जानकारी को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए उसके बाद ही लोन लेना चाहिए। अगर बिल्डर जमीन पर लोन ले रहे हैं तो जमीन लेने से पहले जमीन के कागजात को जरूर देख लें। किसी भी तरह की कमी होने पर बैंक लोन को बंद कर सकता है और सारा लोन आपको भरना पड़ सकता है।
EMI चुकाने के होते हैं दो तरीके :
EMI को ग्राहक दो तरीके से चुका सकते हैं एक एडवांस और दूसरा एरियर(
advance and other arrears)। लोन धारक एडवांस ईएमआई को ही चुनते हैं कुछ होते हैं जो एरियर को भी चुन लेते हैं। जब भी आप लोन का पैसा महीने की पहली तारीख को चुकाने का फैसला करते हैं तो इसे एडवासं ईएमआई(Advance EMI) कहा जाता है। जब महीने की आखिरी तारीख को लोन की किस्त का भगुतान किया जाता है तो इसे एरियर कहा जाता है। अपने बजट के अनुसार ही आप लोन की किस्त की रकम को बढ़ा सकते हैं और ईएमआई(EMI) को चुन सकते हैं। ऐसा करने से आपको बोनस भी मिल सकता है। अगर दूसरा बैंक कम ब्याज दर पर लोन दे रहा है तो आप लोन की रीफाइनेंसिंग भी करा सकते हैं। इसके लिए आपको लोन सही तरीके से सही तारीख पर चुकाना होगा।