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Success Story : गांव का लड़का कैसे बना 39 हजार करोड़ का मालिक, जानें सफलता की कहानी

 
Success Story : गांव का लड़का कैसे बना 39 हजार करोड़ का मालिक, जानें सफलता की कहानी
Success Story Of A Business Man: बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, लेकिन ज्यादा समय और लागत की वजह से वो नहीं कर पाते हैं। अगर आपको भी इसी चीज का डर है तो हम एक ऐसे गांव के लड़की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे सुनने के बाद आप प्रेरित होंगे और बिजनेस करने की सोचेंगे। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी। Dainik Haryana News,Business Tips(ब्यूरो): किसी भी बिजनेस को जीरो से शुरू करना काफी मुश्किल काम होता है क्योंकि इसमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो नौकरी को छोड़कर भी बिजनेस को जीरो से शुरू करने का रिस्क लेते हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक अमेरिका में इंजिनियर की नौकरी करने वाले सख्श के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने वहां नौकरी छोड़कर इंडिया में अपना खुद का बिजनेस शुरू किया और आज करोड़ का मालिक बना बैठा है। READ ALSO :Aaj Ka Rashifal : शनि ने बदली अपना चाल, इन राशि वाले जातकों की चमकेगी किस्मत

जोहो कंपनी(Zoho Company) :

जोहो के फाउंटर श्रीधर वेम्बू हैं जो अमेरिका से नौकरी छोड़कर आए और अपना खुद का बिजनेस जीरो से शुरू किया। आपकी जानकारी के लिए बता दें, श्रीधर हमेशा ही साइकिल से सफर करते हैं और कर्मचारी के रूप में अपनी कंपनी में काम किया है। इतने करोड़ के मालिक वो बिना किसी फंडिंग के बने हैं। श्रीधर तमिलनाडु के रहने वाले हैं और वो मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं। 1989 में आईआईटी मद्रास में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करी और फिर पीएचडी करने के लिए वो अमेरिका चले गए। READ MORE :Extra Marital Affair : लव मैरिज होने पर भी मर्द क्यों जाते हैं दूसरी औरत के पास, सामने आई ये बड़ी वजह उनको नौकरी मिलने के बाद वो अच्छे पैसे कमा रहे थे लेकिन जब वो आचानक से भारत लौटे तो परिवार वाले परेशान होने लगे। परिवार के लोग उन्हें सुनाने लगे, लेकिन किसी की नहीं सुने बिना ही उन्होंने अपने बिजनेस को शुरू कर दिया। 1996 में वेम्बू और उनके भाई ने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी एडवेंटनेट( Software development company Adventnet) की शुरुआत कर दी. 13 साल बाद कंपनी का नाम बदला और जोहो कॉर्पोेरेशन कर दिया था। गांव में उन्होंने अपना दफ्तर खोला ताकि युवाओं को प्रेरित किया जा सके। अपनी मेहनत और लगन से आज वो 39 हजार करोड़ के मालिक बताए जा रहे हैं।