Tax Saving Tips : कहीं भी निवेश किए बिना अगर बचाना चाहते हैं टैक्स तो शामिल करें ये 7 अलाउंस
Dainik Haryana News,Traveling Allowance(नई दिल्ली): जब भी कोई नई नौकरी को ज्वाइन करता है तो उसके तहत बहुत से अलाउंस मिलते हैं। ऐसे में कई बार हम उनको ऐड करवाना भूल जाते हैं और ज्यादा टैक्स देना पड़ता है। नौकरी ज्वाइन करते समय कुछ ऐसे टैक्स होते हैं जिन्हें सैलरी में शामिल जरूर करवा लेना चाहिए। इसके लिए आपको कंपनी के एचआरए से बात करनी चाहिए और सैलरी में इन अलाउंस को जमा करा लेना चाहिए।
यूनीफॉर्म अलाउंस(Uniform Allowance) : बहुत सी कंपनियां ऐसी होती हैं जो आपको यूनीफॉर्म अलाउंस देती है। कंपनी की तरफ से अगर से अलाउंस दिया जा रहा है तो आसानी से आप अपनी सैलरी में इसे जमा करा सकते हैं।
एंटरटेनमेंट व फूड कूपन अलाउंस(Entertainment and Food Coupon Allowance) : ये भी एक ऐसा अलाउंस होता है जिससे आपका टैक्स बचता है। अगर सैलरी में इस शामिल नहीं किया गया है तो सबसे पहले इसे कंपनी की पॉलिसी में चेक करना चाहिए और फिर कंपनी से बात करनी चाहिए। हर महीने कंपनी दो हजार रूपये का एंटरटेनमेंट अलाउंस देती है। आपको दो हजार रूपये का फूड बिल कंपनी को दिखाना होगा। आप एक साल में 24 हजार रूपये का टैक्स बचा सकते हैं और 30 प्रतिशत के टैक्स ब्रेकेट में आते हैं तो हर साल 7200 रूपये बचा सकते हैं।
मेडिकल अलाउंस(medical allowance) : बहुत सी कंपनियां ऐसी भी होती हैं जो कर्मचारिर्यों के साथ उसके पूरे परिवार को मेडिकल अलाउंस देती हैं। ऐसे में अगर आप इस अलाउंस को अपनी सैलरी में जमा करा लेते हैं तो काफी हद तक टैक्स को बच सकते हैं।
मोबाइल और इंटरनेट अलाउंस(Mobile and Internet Allowance) : इस अलाउंस के तहत आपको कंपनी की तरफ से मोबाइल फोन पर जितना भी खर्च होता है वह कंपनी की और से दिया जाता है। इस अलाउंस से भी आप अपना टैक्स कम कर सकते हैं।
मैगजीन व बुक्स अलाउंस(Magazine and Books Allowance) : ऐसी बहुत सी कंपनी होती हैं जो अपनी कर्मचारियों को मैगजीन, न्यूजपेपर व किताबों के लिए अलाउंस को सैलरी में जमा कराती हैं। अगर आप सैलरी में जमा कराते हैं तो काफी हद तक टैक्स बचा सकते हैं।
कार मेंटेनेंस अलाउंस(car maintenance allowance) : जब भी ज्वाइनिंग होती है तो पॉलिसी में चेक जरूर कर लेना चाहिए कंपनी आपको कार मेंटीनेंस अलाउंस दे रही है या फिर नहीं। अगर कार मेंटीनेंस में खर्च ज्यादा आ रहा है तो कंपनी के एचआरए से बात करें और अपनी सैलरी में इसे जमा कराएं।
ट्रैवलिंग अलाउंस(traveling allowance) : ट्रैवलिंग अलाउंस वह होता है जो दफ्तर से घर आने का खर्च लगता है। बहुत सी कंपनियां इस अलाउंस को देती हैं लेकिन कुछ ऐसी भी हैं जो इसे सैलरी में शामिल नहीं करती हैं। इसलिए पहले ही इसे आपको सैलरी में ऐड करवा लेना चाहिए।