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UP News : उत्तर प्रदेश में बनने जा रहे नए बाईपास, 7 हजार करोड़ रूपये की मिली मंजूरी

 
UP News : उत्तर प्रदेश में बनने जा रहे नए बाईपास, 7 हजार करोड़ रूपये की मिली मंजूरी
Latest Update : मंत्री जी का कहना है कि साल 2024 तक भारत की सड़कों को अमेरिका के जैसा बनाना है। और भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को पहले नंबर पर लेकर आने का लक्ष्य है। सरकार का कहना है कि यूपी में कबाड़ यानी वेस्ट के प्रयोग से सड़कों का निर्माण किया जाएगा जिससे किसी भी प्रकार का वातावरण को नुकसान नहीं होगा। Dainik Haryana News :#New Bypas In UP (ब्यूरो) : देश में परिवहन को मजबूत बनाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार का कहना है कि जब तक देश में सड़कों का अच्छे से निर्माण नहीं होगा तब तक देश विकसित नहीं होगा। ऐसे में यूपी की सरकार(UP Government) नए बाईपास को बनाने जा रही है जिसके लिए 7 हजार करोड़ रूपये की मंजूरी मिल गई है। सरकार का लक्ष्य है कि साल 2024 से पहले सड़कों पर यूपी में 5 हजार करोड़ रूपये की राशि को खर्च किया जाएगा। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी( Transport Minister Nitin Gadkari) ने यूपी की सरकार को सड़कों के निर्माण की मंजूरी देकर एक बड़ी सौगात दी है। अगले साल तक यूपी में अमेरिका के बराबर सड़क बना दी जाएंगी। मंत्री जी ने शाहबाद बाईपास हरदोई के लिए मंजूरी दे दी है जिसके लिए 1212 करोड़ रूपये की लागत आएगी और जिसके लिए 950 करोड़ रूपये की मंजूरी मिल गई है। READ ALSO : 10 Beautiful Places In UP : विदेशों से भी लोग देखने आते हैं यूपी की ये 10 खूबसूरत जगह इसके अलावा मुरादाबाद से काशीपुर राष्टÑीय राजमार्ग( Moradabad to Kashipur National Highway) के लिए 2007 करोड़ रूपये की मंजूरी मिली है, गाजीपुर से बलिया के निर्माण के लिए 1708 करोड़ रूपये की लागत आएगी। इसके अलावा प्रदेश में 13 रेलवे ओवरब्रिज के लिए भी मंजूरी मिली है जिनके निर्माण के लिए 1 हजार करोड़ रूपये की लागत आएगी।

परिवहन मंत्री ने कही ये बात :

मंत्री जी का कहना है कि साल 2024 तक भारत की सड़कों को अमेरिका के जैसा बनाना है। और भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को पहले नंबर पर लेकर आने का लक्ष्य है। सरकार का कहना है कि यूपी में कबाड़ यानी वेस्ट के प्रयोग से सड़कों का निर्माण किया जाएगा जिससे किसी भी प्रकार का वातावरण को नुकसान नहीं होगा। मंत्री जी का कहना है कि अगर देश की सड़क अच्छी होंगी तभी हम इकानॉमी को पहले नंबर पर लेकर आ सकते हैं। हमारे देश में निर्माण की कीमत अधिक है जिससे हमें अपने की निर्माण की कीमतों को कम करके गुणवत्ता को अधिक करना होगा। इसके लिए हमें इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग करना होगा, पेट्रोल डीजल की जगह पर हमें एथनॉल की आवश्यकता होगी। READ MORE : Business Idea : महज 60 दिन की ट्रेनिंग लेकर एक ही साल में खड़ा किया करोड़ों का कारोबार, जाने सक्सेस स्टोरी

बायो डीजल के निर्माण पर चल रहा काम :

इसके साथ ही बायो सीएनजी(Bio CNG) पर काम कर रहे हैं जिससे लोगों को और भी ज्यादा फायदे होंगे। बायो डीजल के निर्माण पर भी काम को शुरू कर दिया गया है। ग्रीन हाइड्रोजन की जरूत को भविष्य में देखते हुए मंत्री जी का कहना है कि अगर देश के सभी मिले इस पर काम करते हैं तो प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और लोगों को काम करने में आसानी होगी, आर्थिक तंगी दूर होगी। आईसीसीएसए (ICCSA)का कहना है कि अगर हम नेट जीरो के लक्ष्य से चलते हैं तो ट्रिपल ई( triple e) यानी इकानॉमी, एनवायरमेंट, और इकोलॉजी की अवधारणा पर आधारित हैं। इसके लिए जो सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस और गैस का उत्सर्जन करते हैं उन पांच सेक्टरों को चुना गया है जिसमें तेल, कृषि और पशुपालन, लैंडफिल और वेस्ट, कोयला और खन्न, प्रकृतिक गैस और पविहन जरूरी हैं। इसके बाद ही हमारा इकानॉमी को पहले नंबर पर लाने का सपना पूरा हो सकता है।