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भारत के इस राज्य के लोग आज भी नहीं देते Income Tax, जानें कारण?

 
भारत के इस राज्य के लोग आज भी नहीं देते Income Tax, जानें कारण?
Income Tax : इसी छूट के बाद यहां के निवासियों को किसी भी आय पर इनकम टैक्स को नहीं देना होता है। भारत के सभी पूर्वाेत्तर राज्यों को अनुच्छेद 371 एफ के तहत विशेष रूप से दर्जा दिया गया है। यही कारण है कि यहां पर और किसी भी राज्य के लोग कोई भी संपति को नहीं खरीद सकते हैं।     Dainik Haryana News : Income Tax Filling : जैसा की आप जानते हैं जो भी हमारी इनकम होती है। उस पर हमें सरकार को टैक्स देना होता है। अगर आप साल भर में ज्यादा कमाई कर रहे हैं तो आपको उस कमाई का कुछ हिस्सा सरकार को देना होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में आज भी एक ऐसा राज्य है जहां पर सरकार किसी भी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लेती है।     आज इस लेख के माध्यम से हम आपको उस राज्य के बारे में बताने जा रहे हैं और इनकम टैक्स(Income Tax) ना लेने के का कारण भी आज हम आपको बताने जा रहे हैं। आइए खबर में जानते हैं इसके बारे में। आइए खबर में जानते हैं पूरी जानकारी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1961 की धारा 26 एएए के तहत यहां के लोगों को टैक्स में छूट दी जाती है।   READ ALSO : PM Scheme : शादीशुदा महिलाओें को सरकार दे रही इतने पैसे, आज ही करें आवेदन   इसी छूट के बाद यहां के निवासियों को किसी भी आय पर इनकम टैक्स को नहीं देना होता है। भारत के सभी पूर्वाेत्तर राज्यों को अनुच्छेद 371 एफ के तहत विशेष रूप से दर्जा दिया गया है। यही कारण है कि यहां पर और किसी भी राज्य के लोग कोई भी संपति को नहीं खरीद सकते हैं।   READ MORE :  Women’s Awareness: ICICI लोम्बार्ड ने बीमा पॉलिसी के प्रति महिलाओं को किया जागरूकता

सिक्किम राज्य में नहीं देना होता इनकम टैक्स :

  दरअसल, जिस राज्य की हम बात कर रहे हैं वह सिक्किम राज्य है जहां के लोगों को किसी भी प्रकार की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। इस राज्य में पहले जिन लोगों के पास सब्जेक्ट आर्टिकल होता था उनको ही टैक्स में छूट मिलती थी। लेकिन अब 1989 में कोर्ट के फैसले के बाद ये आदेश दिया गया कि इसका लाभ सभी लोगों को मिलेगा और इस राज्य में किसी भी व्यक्ति को टैक्स नहीं देना होगा।   भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल( Prime Minister Pandit Jawaharlal) जी ने इसे भूटान और हिमाचल का हिस्सा बनाया था पर 1948 में एक समझौता हुआ और उसके बाद यह पूरी तरह से भारत का हिस्सा बन गया था। सन 1975 में यह राज्य पूरी तरह से भारत में मिल गया था।