Dainik Haryana News :#RBI Notification(ब्यूरो): देश में 1514 सहकारी बैंक हैं। सरकार के सहकार से समृद्धि के विजन को पूरा करने के लिए सभी सहकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए चार बड़े बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों के बाद अब सहकारी बैंक भी कमर्शियल बैंकों की तरह लोन लेने वालों के साथ एकमुश्त निपटान एग्रीमेंट कर सकेंगे। इसके अलावा आरबीआई(RBI) का कहना है कि हर साल शहरों में बैंकों की नई शाखाओं को खोला जाएगा। रिपोर्ट को देखते हुए वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने शहकारी बैंकों से जुडें नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है।
खोली जाएंगी नई शाखाएं :
READ ALSO : Today Haryana Weather : हरियाणा के इन जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी, मौसम विभाग ने दी जानकारी आबीआई की और से कहा जा रहा है कि नए बिजनेस का विस्तार करने के लिए सहकार बैंकों की नई शाखाएं खाली जाएंगी। शाखाओं को खोलने के लिए बोर्ड से नीति स्वीकृत करवानी होगी और उसके बाद वित्तीय रूप से मजबूत और सही प्रबंधित नॉर्म का पालन करना होगा।
एक साथ कर सकेंगे निपटारा :
आरबीआई(RBI) ने सहकारी बैंक सहित विनियमित संस्थाओं के लिए एक फ्रेमवर्क बनाया है जिसके तहत अब सहकारी बैंक अपने बोर्ड द्वारा स्वीकृत नीनियों के माध्यम से लोन लेने वालों के साथ एग्रीमेंट निपटान करने के लिए साथ साथ तकनीक राइट आॅफ की प्रक्रिया(
technology write off process) भी प्रदान कर सकते हैं। अब से सहकारी बैंक भी कमर्शियल बैंकों की तरह ही हो जाएंगे।
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Priority Sector Lending Target) की डेडलाइन बढ़ाई भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) लक्ष्य को प्राप्त करने के समय को दो सालों के लिए बढ़ा दिया गया है जो 31 मार्च 2026 तक का हो गया है। इसके अलावा प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिग(
Priority Sector Lending Target) लक्ष्य को प्राप्त करने के समय को अब 31 मार्च 2024 तक का कर दिया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग(
Priority Sector Lending Target) में रही कमी को दूर करने के बाद यदि कोई अतिरिक्त जमा होगी तो उसे सहकारी बैंक को वापस किया जाएगा.