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Chandrayaan-3: चादं पर छिपा अंतरिक्ष का सोना

 
Chandrayaan-3: चादं पर छिपा अंतरिक्ष का सोना
Viral News :  भारत और रूस इस समय खबरों में बने हुए हैं। चंद्र मिशन भारत का Chandrayaan-3 और रूस का लूनो 25अगले हफ्ते चांद पर लैंडिंग के लिए खबरों में होगा। दोनों ही स्पेसक्राफ्ट चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे। जोकि चंद्रमा की सबसे मुश्किल जगह है ऐसा है जहां पानी के साथ-साथ धूप भी है। रूस और भारत ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का लक्ष्य तय किया है। यह भी काफी मुश्किल है। Dainik Haryana News,Chandrayaan-3 Update(ब्यूरो): वैज्ञानिकों का माने तो यह बर्फ अंतरिक्ष का सोना है। इसका खनन पीने के पानी के लिए होता है। साथ ही साथ सांस लेने के लिए ऑक्सीजन रॉकेट फ्यूल के लिए हाइड्रोजन में बांटा जा सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि ईंधन का प्रयोग न सिर्फ पारंपरिक अंतरिक्ष के लिए किया जा सकता है। READ ALSO :Employes Bonus : 13 लाख कर्मचारियों को मिलेगा 4 हजार रूपये का बोनस, क्या आपको भी किया शामिल दुनिया अलग-अलग मकसद के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाता है। पहली रोबोटिक लैंडिंग के लिए 60 साल हो गए हैं।फिर भी इस पर लैंडिंग का काम बहुत मुश्किल है। अभी तक जितने भी मिशन लॉन्च हुए हैं सक्सेस रेट बहुत कम है। मिशन यहां पर लैंडिंग में फेल हुए हैं।वैज्ञानिको के मुताबिक धरती से चंद्रमा का वातावरण बहुत हल्का है। गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी छोटे हिस्से के बराबर है। यान की गति कम करने के लिए खिचाव नहीं मिल पाता। इस वजह से भी चांद पर लैंडिंग काफी चुनौती पूर्ण बन जाता है।चाद पर मौजूद कीमती संसाधन को लेकर एक रुची का विषय बना हुआ है। जियोलॉजी और मीनिंग ग्राफिक्स की माने तो पर मिलने वाला पानी 206 मिलियन डॉलर इंडस्ट्री बन सकता है। READ MORE :New DGP In Haryana: हरियाणा में DGP के पद को संभाला इस अफसर ने, सीएम मनोहर लाल खटर के हं चहेते!