Mission Moon Chandrayaan 3: जल्द ही चंद्रयान 3 भारत की गरिमा को चार चांद लगाने जा रहा है। आखिर का वो दिन और विक्रम लैंडर की गति को काबू करना इसरो के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। आखिर के वो पल जब चंद्रयान 3 चांद की सतह पर लैंड करेगा बहुत ही मुश्किल रहने वाले हैं। चंद्रयान 2 के समय भी लैंडिंग करने से पहले दिक्कत आई थी। चंद्रयान 3 को चांद पर उतारना ही सबसे बड़ी चुनौती होगी।
Dainik Haryana News: Vikram Lander(चंडीगढ़): ताजा मिली जानकारी में ISRO प्रमुख S Somnath का कहना है कि सबसे बड़ी चुनौती होगी आखिर 30 किलोमीटर में विक्रम लैंडर की गति को काबू कर चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करवाना। इस समय चंद्रयान 3 की गति 1.68 किलोमीटर प्रति सैकेंड है। साल 2019 में जब चंद्रयान 2 इस कोशिश में सफल नहीं हो पाया था, आखिरी के 3 मिनट में तकनीकी खराबी आने से लैंडिंग क्रैस हो गई थी। एक बार फिर से वही समय नजदीक आ रहा है। आज 18 अगस्त है और 23 अगस्त का वो दिन एक नया सवेरा लेकर आएगा। जब 23 अगस्त की शाम भारत का तिरंगा चांद पर लहराएगा।
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इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का कहना है कि चंद्रयान 3 को आखिर के समय चांद की सतह पर उताना होगा। जब चंद्रयान 3 चांद की सतह से 30 किलोमीटर की दूरी पर होगा तब उसकी स्पीड 1.68 किलोमीटर प्रति सेकंड होगी और उसे काबू कर चांद पर साफ्ट लैंडिंग करना होगा। चंद्रयान 2 के समय इसरो को इस समय दिक्कत का सामना करना पड़ा था। आखिर के समय संपर्क टूटा और चंद्रयान 2 क्रैस हो गया था, लेकिन इस बार चंद्रयान 3 में बहुत कुछ बदलाव किए गए हैं। बहुत सी नई तकनीकों का इस्तेमाल चंद्रयान 3 में किया गया है जो इसे साफ्ट लैंडिंग कराने में सहायता प्रदान करने वाले हैं। इस समय चंद्रयान 3, 90° तक झुका हुआ है,
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