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Chandrayaan 3 Soft Landing: कैसे की चंद्रयान 3 ने चांद पर लैंडिंग , लैंडिंग करते ही पहली तस्वीर लैंडर ने भेजी

 
Chandrayaan 3 Soft Landing: कैसे की चंद्रयान 3 ने चांद पर लैंडिंग , लैंडिंग करते ही पहली तस्वीर लैंडर ने भेजी
Chandrayaan 3 Landing Update: रूस के लूना-25 के क्रैश होने के बाद, भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO को को भी भय सता रहा था, कहीं चार साल का ये इंतजार और लंबा ना हो जाए। लेकिन विक्रम लैंडर ने चांद पर अपने कदम रखकर इतिहास रच दिया। चांद पर जाने वाला भारत चौथा और चांद के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया। Dainik Haryana News: Vikram Lander Soft Landing On Moon(नई दिल्ली): रविवार के दिन विक्रम लैंडर की आखिरी बूस्टिंग का काम सफलत से किया गया। इसके बाद विक्रम लैंडर महज 25 किलोमीटर चांद की सतह से दूर 2 दिन तक चक्कर लगाता रहा। विक्रम लैंडर की स्पीड को बिलकुल धीमा कर दिया गया था। अब बस इंतजार था तो उस दिन और उस पल का जब विक्रम लैंडर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग करना था और भारत का झंडा लहराना था। Read Also: Onion Price Down: आमजन को महंगाई से मिली राहत, प्याज की कीमतों में गिरावट इसके बाद 23 अगस्त 2023 बुधवार के दिन वो समय आ ही गया जिसका इंतजार पुरा भारत कर रहा था। भारत ही नहीं पुरी दुनिया की नजर उस पर टिकी थी। 23 अगस्त को शाम 5.30 बजे जब विक्रम लैंडर ने चांद की और बढ़ना शुरू किया तो सभी की धड़कने 72 से 120 पहुंच चुकी थी। इसरो स्पेस एजेंसी ने विक्रम लैंडर को धीरे-धीरे चांद की और बढ़ाना शुरू किया

कैसे की चंद्रयान 3 ने लैंडिंग क्या-क्या आई दिक्कत

25 किलोमीटर की दूरी का फासला अब तय होना शुरू हो चुका था। चांद तक पहुंचने से पहले विक्रम लैंडर को उस स्थिति के लिए तैयार करना था।

क्या थी सबसे बड़ी चुनौती

जब चंद्रयान 3 को चांद की और लेकर जाना था तो सबसे बड़ी चुनौती थी उसकी स्थिति को नियंत्रित करना जो चांद के 10 से 12 किलोमीटर करीब पहुंचने तक यही काम किया गया। अब आगे की चुनौती थी चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करना, जब चंद्रमा के सतह की दूरी 14 किलोमीटर रह जाती है तो विक्रम लैंडर को चांद पर लैंडिंग का काम शुरू किया जाता है, वो आखिरी के 20 मिनट जिसने सभी के दिलों की धड़कन तेज कर दी थी। इसके बाद विक्रम लैंडर महज 1.6 किलोमीटर की दूरी पर रहता है। उसकी स्पीड को धीरे-धीरे और कम किया जा रहा था। इसके बाद दूरी कम होते हुए 1200 मीटर रहती है। स्पीड को और कम किया जाता है। Read Also: Income Tax : इनकम टैक्स भरने वाले 30 सितंबर तक कर लें ये काम, वरना होगा नुकसान इसके बाद 800 मीटर की दूरी रहती है, स्पीड और कम कर दी जाती है। फिर दुरी 500 मीटर रहती है। चंद्रयान 3 अपनी पोजीशन में आना शुरू होता है। विक्रम लैंडर की स्पीड बिल्कुल ही कम रह जाती है। इसके बाद दूरी घटती हुई 300 मीटर आती है सभी अपने पैरों पर खड़े हो गए आंख चंद्रयान 3 की और गढ़ी हुई थी। इसके बाद दूरी महज 150 मीटर रहती है दो इंजन को बंद कर दिया जाता है। फिर दूरी घटते हुए 50 मीटर से कम आ जाती है। अब इसरो के हाथ में कुछ नहीं रहता। अब जो भी करना था विक्रम लैंडर को खुद करना था। इसके बाद विक्रम लैंडर उतरने के लिए सिधी पोजीशन में आ चुका था। अब जो भी करना था विक्रम लैंडर को करना था। विक्रम लैंडर की दूरी अब महज 10 मीटर रह चुकी थी।