Dainik Haryana News

Chandrayaan 3 Today Update: चांद पर भारत के हाथ लगी एक और बड़ी कामयाबी, रोवर ने भेजा कुछ ऐसा जो हिरे मोतियों से कम नहीं

 
Chandrayaan 3 Today Update: चांद पर भारत के हाथ लगी एक और बड़ी कामयाबी, रोवर ने भेजा कुछ ऐसा जो हिरे मोतियों से कम नहीं
Viram Lander Live: चंद्रयान 3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 23 अगस्त को लैंड हुआ था। आज विक्रम लैंडर को चांद पर गए 9 दिन का समय होने को आया। भारत का प्रज्ञान एक के बाद एक जानकारी भेज रहा है, जिससे चांद के दक्षिणी ध्रुव की जानकारी भेज रहा है। अभी चांद पर रात होने को कई दिन बचे हैं, विक्रम लैंडर ने एक और हैरान कर देने वाली जानकारी इसरो को भेजी है। इस जानकारी को जानने के बाद इसरो ने भी सोचा क्या ऐसा भी हो सकता है, आप भी इसे जानने के बाद चौंक जाएंगे। Dainik Haryana News: Pargyan Rover Live Update(चंडीगढ): साल 2014 में जिस इसरो का कार्टून बनाकर मजाक बना था 23 अगस्त की सफलता ने सभी को भारत की तारीफ करने लगे। विक्रम लैंडर से रोवर बाहर निकल 500 मीटर की रेंज में जानकारी जुटा रहा है। बहुत से हैरत अंगेज करने वाली जानकारी विक्रम लैंडर इसरो के साथ शेयर कर चुका है और जानकारी आप तक भी पहुंच ही चुकी होगी। हालहि में विक्रम लैंडर ने कुछ ऐसा खोज निकाला जिससे देख सभी चकित रह गए, लेकिन खुशी से भी झुमने लगे। Read Also: Car Window UV Protection : कार खरीदने से पहले चेक करें ये फीचर, जिसके बिना हो सकती है कैंसर जैसी भयंकर बीमारी! चांद के दक्षिणी ध्रुव की जानकारी पाने वाला भारत पहला देश बन चुका है। भारतीय विज्ञान में एक नया अध्याय जुड़ चुका है। प्रज्ञान रोवर ने चांद पर गंधक की खोज की है, आखिर चांद पर गंधक आया कहां से। जैसे ही चांद पर गंधक मिला है, चांद की उत्पति का पता लगाने में बड़ा ही अहम रोल अदा कर सकता है। चांद पर गंधक का मिलना कोई छोटी बात नहीं है। गंधक के मिलने से और भी बहुत से रहस्यों का पता चल सकता है। अकेला गंधक ही नहीं चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लोहा, मैग्नीज, कैल्शियम, टाइटेनियम, एल्युमिनियम, क्रोमियम भी मिला है। Read Also: Haryana News : इस पशु की खरीद पर हरियाणा सरकार दे रही 80 प्रतिशत की सब्सिडी, देने होंगे सिर्फ इतने पैसे चांद का दक्षिण ध्रुव जो सभी के लिए चलेंज बन चुका था, भारत ने उसी दक्षिणी ध्रुव पर अपना चंद्रयान 3 उतार इतिहास रच दिया। विक्रम लैंडर ने सबसे बड़ी खोज चांद पर आक्सीजन का पता लगाकर की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर जो खनीज पाए गए हैं वो कोई आम बात नहीं, बल्कि ब्रहमांड की उत्पत्ति की और भी संकेत देते हैं। चांद पर पानी की खोज लगाता जारी है। बर्फ के नीचे पानी हो सकता है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ की भौतिक उपस्थिति जांची गई है। आक्सीजन मिलने के बाद से एक उम्मीद जागी है कि सायद चांद पर हाइड्रोजन मिले और पानी बनाना संभव हो सके। विक्रम लैंडर के 14 दिन काम करने के बाद चांद पर अंधेरा हो जाएगा और अगले 14 से 15 दिनों तक अंधेरा ही रहने वाला है। Read Also: Haryana News : इस पशु की खरीद पर हरियाणा सरकार दे रही 80 प्रतिशत की सब्सिडी, देने होंगे सिर्फ इतने पैसे ऐसे में 15 दिन बाद रोवर फिर से काम करेगा इसकी कोई जानकारी नहीं है। इसरो का कहना है कि यदि 14 दिन बाद भी विक्रम लैंडर काम करता है तो हमारे लिए बड़ी ही खुशी का बात है, अगर नहीं भी करता तो हमारा मिशन पुरा हो चुका है। विक्रम लैंडर अच्छे से काम कर रहा है और आगे कई दिनो तक करने वाला है। बहुत से जानकारी भेज चुका है और अभी खोज में लगा है।