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Article 370 Ended : अर्टिकल 370 खत्म, लेकिन अभी भी है 13 राज्यों में लागू जानें इस आर्टिकल की पावर

 
Article 370 Ended : अर्टिकल 370 खत्म, लेकिन अभी भी है 13 राज्यों में लागू जानें इस आर्टिकल की पावर
Article 370 Latest Update : जैसा कि आप जानते हैं आर्टिकल 370 को हटाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। हालांकि, जम्मू कश्मीर में यह खत्म हो चुका लेकिन अभी भी देश के 13 राज्य ऐसे हैं जहां पर 370 अभी भी लागू है और हर जगह इसके अलग अलग नियम हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म करने का फैसला जारी रखने के आदेश दिए हैं। Dainik Haryana News,Jammu and Kashmir News(ब्यूरो): चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने आर्टिकल 370 को 'अस्थाई प्रावधान' भी बताया। आपकी जानकारी के लिए बता दें 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था और जम्मू कश्मीर और लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला देते हुए कहा कि आर्टिकल 370 अस्थाई प्रावधान था और राष्ट्रपति के पास इसे रद्द करने का अधिकार था. सीजेआई चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि इसके टेक्स्ट को पढ़ें तो पता चलता है कि आर्टिकल 370 एक अस्थाई प्रावधान था. जम्मू और कश्मीर को देता था अलग दर्जा: आर्टिकल 370 जम्मू और कश्मीर को एक अलग दर्जा देता था और यहां तक, जम्मू और कश्मीर का अलग झंडा भी था। जम्मू और कश्मीर अब इसे खत्म तो कर दिया है और यह एक अहम मुुद्दा बन गया है लेकिन अभी भी देश के कुछ राज्य ऐसे हैं जिनमें यह लागू है। संविधान बनने के समय नहीं था आर्टिकल 371 : संविधान के भाग-21 में आर्टिकल 369 से लेकर आर्टिकल 392 तक को परिभाषित किया गया है. इस भाग को 'टेम्पररी, ट्रांजिशनल एंड स्पेशल प्रोविजन्स' का नाम दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सितंबर 2019 में बताया था कि आर्टिकल 370 अस्थाई प्रावधान था, जबकि आर्टिकल 371 विशेष प्रावधान है. जब संविधान लागू हुआ था, तब आर्टिकल 371 नहीं था. बल्कि अलग-अलग समय में संशोधन के जरिए इन्हें जोड़ा गया. आर्टिकल 371 के जरिए विशेष प्रावधान उन राज्यों के लिए किए गए थे, जो बाकी राज्यों के मुकाबले पिछड़े थे और उनका विकास सही तरीके से नहीं हो पाया था. साथ ही ये आर्टिकल जनजातीय संस्कृति को संरक्षण देता और स्थानीय लोगों को नौकरियों के अवसर देता है. संविधान में आर्टिकल 371 के अलावा आर्टिकल 371अ से 371ख तक अलग-अलग राज्यों के लिए बनाए गए हैं, जो इन राज्यों को कुछ खास बनाते हैं.

आर्टिकल 371 क्या है?

आर्टिकल 371 महाराष्ट्र, गुजरात और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू होता है. इसके तहत, महाराष्ट्र और गुजरात के राज्यपाल को कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं. महाराष्ट्र के राज्यपाल विदर्भ और मराठवाड़ा के लिए और गुजरात के राज्यपाल सौराष्ट्र सौराष्ट्र और कच्छ के लिए अलग-अलग विकास बोर्ड बना सकते हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश में लागू इस आर्टिकल के तहत कोई बाहरी व्यक्ति यहां खेती की जमीन नहीं खरीद सकता.

आर्टिकल-371खे कर्नाटक

2012 में 98वें संशोधन के जरिए इसे संविधान में जोड़ा गया था. ये कर्नाटक में लागू होता है. इसके तहत, हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के के छह जिलों को विशेष दर्जा दिया गया है. इसे अब कल्याण-कर्नाटक कहते हैं. इन जिलों के लिए अलग विकास बोर्ड बनाने का प्रावधान आर्टिकल-371ख में किया गया साथ ही स्थानीय लोगों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण भी दिया जा सकता है READ MORE :Sam Bahadur Box Office Collection Day 11: 11 दिन से टीकी है सैम बहादूर कर चुकी है इतनी कमाई

आर्टिकल-371मिजोरम

53वें संशोधन के जरिए 1986 में इसे जोड़ा गया था. ये मिजोरम पर लागू होता है. इसके तहत, मिजो लोगों के धार्मिक, सांस्कृति, प्रथागत कानूनों और परंपराओं को लेकर विधानसभा की सहमति के बगैर संसद कोई कानून नहीं बना सकती. इसके अलावा, इसमें ये भी प्रावधान किया गया है कि यहां की जमीन और और संसाधन किसी गैर-मिजो को नहीं मिल सकता. यानी जमीन का मालिकाना हक सिर्फ मिजो लोगों को ही दिया जा सकता है.

आर्टिकल-371के गोवा

ये गोवा में विधानसभा गठन से जुड़ा हुआ है. इसके तहत, गोवा विधानसभा में 30 से कम सदस्य नहीं होंगे.