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Australia News :  अपनी पोती की ग्रेजुएशन अटेंड करवाने के लिए आदिवासी दादा ने किया 3000 किमी का सफर 
 

Viral News : आज हम आपको एक प्रेरणा देने वाली कहानी के बारे में बताने जा रहे है। हम आपको एक बुजुर्ग आदिवासी दादा के बारे में बताने जा रहे है जिसने अपनी पोती की ग्रेजुएशन अटेंड करवाने के लिए 3000 किमी का सफर तय किया। आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से

 
Australia News :  अपनी पोती की ग्रेजुएशन अटेंड करवाने के लिए आदिवासी दादा ने किया 3000 किमी का सफर 

Dainik Haryana News,Tribal In Australia ( New Delhi ) : आज हम आपको आदिवासी बुजुर्ग के बारे में बताने जा रहे है जिसने अपनी पोती साशा से मिलने के लिए 3000 हजार किलोमीटर का सफर किया। वह अपनी पोती से इस वजह से मिलने गए थे क्योंकि वह 10वीं ग्रेजुएट हुए। उनके दादा का नाम गाली यालकर्रिवी गुररूविवी है। उनके दादा आस्ट्रेलिया के एक सुदूर द्वीप में अर्नहेम लैंड में रहते थे। वह विक्टोरिया के वोरावा आदिवासी कॉलेज पहुंचे।

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यह कॉलेज 1983 में आदिवासी एक्टिविस्ट हेलस मैरिस ने खोला था जिसका उद्देश्य आदिवासी समुदाय के लोगों को आधुनिक शिक्षा देना और साथ ही उनकी परंपराओं को बचाए रखना था। साशा को उसी कॉलेज में पढ़ने के लिए भेजा गया था ताकि वह अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकें और अपने भविष्य को उज्जवल बना सकें।


खास दिन के लिए दादा ने तय किया लंबा सफर दादा गाली यालकर्रिवी गुररूविवी ने अपनी पोती के इस खास दिन पर उसका साथ देने के लिए इतना लंबा सफर तय किया और कॉलेज में ही पारंपरिक आदिवासी डांस भी किया. इससे उनकी पोती के चेहरे पर खुशी झलक रही थी और कॉलेज का माहौल गौरव से भर गया. ये कहानी एक दादा की बेशुमार मोहब्बत और आदिवासी शिक्षा के महत्व को बयां करती है.

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साशा ने अपने सपनों के बारे में बात करते हुए बताया कि वो स्कूल खत्म करने के बाद नर्स बनना चाहती हैं. उन्होंने कहा, "मुझे अपनी संस्कृति को सीखना और उसे दूसरों को भी सिखाना अच्छा लगेगा. मैं छोटी लड़कियों के लिए एक उदाहरण बनना चाहती हूं और उन्हें दिखाना चाहती हूं कि वो भी अपने जीवन में कुछ अच्छा कर सकती हैं और खुश रह सकती हैं. साशा का सपना न सिर्फ खुद को आगे बढ़ाने का है, बल्कि अपनी संस्कृति को भी जिंदा रखने का है और साथ ही छोटी लड़कियों को प्रेरित करने का भी.