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Big Breaking : बिना नोटिस इस राज्य में 500 घरों पर चलाया बुलडोजर, गरीबों को किया बेघर

 
Big Breaking : बिना नोटिस इस राज्य में 500 घरों पर चलाया बुलडोजर, गरीबों को किया बेघर
Latest News : देश में एक तरफ सरकार गरीब लोगों को निवास दे रही है और लोगों को नए घर दे रही है। लेकिन एक तरफ लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। एक राज्य में 500 घरों पर बिना नोटिस के बुलडोजर चला दिया गया है और लोगों को बेघर कर दिया गया है। आइए जानें कहां पर गिराए गए घर। Dainik Haryana News :#Maharashtra News (नई दिल्ली): कुछ दिन पहले ही 500 घरों को बिना नोटिस दिए ही बुलडोजर चला दिया गया है और लोगों को बेघर कर दिया गया है। लोगों का कहना है कि बीजेपी के मंत्री के आदेश पर लोगों को बेघर किया गया है और हमारे घरों को तोड़ा गया है। लोगों की मांग है की एससी एसटी(SC,ST) एक्ट के तहत मंत्री पर मुकदमा दर्ज किया जाए। अंबुजवाड़ी बस्ती में अधिकांश निवासी दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग से आते हैं और उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और खून पसीने की कमाई से घर बनाए थे। ये घर 20-20 साल पुराने थे। READ MORE :Success Story: रतन टाटा बने इस बिजनेसमेन के गुरू, खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी सरकार ने अपनी मनमानी और गैरकानूनी की है। ऐसे में लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करी और  प्रदर्शन भी किए गए हैं लेकिन किसी ने भी उनकी एक नहीं सुनी है। 21 जुलाई को कर्मचारी कलेक्टर के दफ्तर में भी प्रदर्शन करने का फैसला कर चुके हैं और दोबारा से नए घरों की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन घरों को भी गिरा दिया गया है जो साल 2001 और 11 से पहले बने हैं। ये सभी घर महाराष्ट्र स्लम क्षेत्र (सुधार, निष्कासन, पुनर्विकास) अधिनियम, 1971 और महाराष्ट्र सरकार के 16 मई 2015 और 16 मई 2018 केGR के और 24 मई 2023 के GR के तहत संरक्षित हैं और पुनर्वसन के पात्र हैं।लोग कह रहे हैं कि गिराए गए घरों में किसी का भी सर्वे नहीं हुआ है और सीधा तोड़फोड़ कर दिया गया है। बिना नोटिस के ही घरों को तोड़ दिया गया और इस दोरान लोगों का काफी नुकसार भी हुआ है उनका सामान भी खराब हुआ है। निवासियों ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि शहरी विकास विभाग ने ॠफ के तहत 1 जून से लेकर 30 सितंबर तक किसी भी तोड़फोड़ की कार्यवाई करने पर प्रतिबन्ध लगाया था, इसके बावजूद अंबुजवाड़ी में दो बार बुलडोज़र चलाए गए। टूटे घरों में रहने वाले परिवारों, बच्चों, गर्भवती महिलाएं, बुज़ुर्ग और बीमार लोगों को इस कार्यवाई के कारण बिपरजॉय तूफ़ान और भीषण गर्मी और लू के दौरान खुले में रहने पर मज़बूर किया गया। READ MORE :Relationship Tips :  ऐसी महिलाओं से आज ही बना लें दूरी, वरना हो सकता है जीवन खराब बारिश के मौसम में लोग घरों से बाहर सड़कों पर रह रहे हैं। 12 जुलाई 2023 को जिलाधिकारी के कार्यालय से अधिकारियों ने आकर मौजूदा घरों का सर्वे किया और अगले दिन से पुलिस ने आकर घरों पर FIR दर्ज करना शुरू किया।यही नहीं 19 जुलाई को जिलाधिकारी ने ऑरेंज अलर्ट में भरी बरसात में घरों पर बुलडोजर चलवाया।यहां पर 350 बच्चों वाले स्कूल को भी तोड़ दिया गया और उनको भी किसी तरह का नोटिस नहीं दिया गया था।इस तोड़ फोड़ को रात 7:30 बजे तक चलाया गया। इसके बाद तकरीबन 150 घरों के लोग खुले में बारिश में रहने को मजबूर हुए।

लोग कर रहे ये मांग :

जिन लोगों के घरों को तोड़ा गया है वहां के सभी घरों का सर्वे किया जाए और 2011 के कट आफ डेट के तहत ही जांच की जाए। सर्वे के आधार पर ही लोगों को उनके घरों को तोड़ा जाए और जिसका सर्वे के तहत नहीं आता है उनको दोबारा से घर दिया जाए। जिन घरों पर पुलिस द्वारा FIR दर्ज किये जा रहे हैं उन सभी को रद्द किया जाए और गरीबों पर इस तरह का ज़ुल्म ज़बरदस्ती पर रोक लगाया जाये। निवासियों का आरोप है कि महाराष्ट्र की बीजेपी एकनाथ शिंदे सरकार में महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्री मंगल लोढ़ा के आदेश पर इन सभी घरों को तोड़ा गया। जिन घरों को तोड़ा गया उनमें अधिकांश एससी समाज से आते हैं. वहां के लोगों का कहना है कि मंत्री ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है और लोगों को बेघर कर दिया है। कौन है से बीजेपी का नेता? लोगों का कहना है कि उन्होंने खुद नोटिस देखे हैं जिसमें मंत्री ने खुद आदेश दिए हैं। रिपोर्ट का कहना है कि मंगल लोढा बीजेपी विधायक हैं और उनके बहुत सारे बिजनेस चल रहे हैं। READ ALSO :Funny Jokes: संता-बंता के चुटकलों का भी मजा ले सकेंगे निवासियों ने कहा, हमने SRA  कार्यालय में जाकर उपजिलाधिकारी मैडम से बातचीत करके निष्कासन से जुड़े पत्र पुरावे निकाले। इसमें हमे मुंबई उपनगर पश्चिम विभाग के पालक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा जी के एक मीटिंग के मिनट्स प्राप्त हुए। इस मीटिंग में मंत्री जी ने निष्कासन करने के लिए अधिकारियों को आदेश दिया था। मिनिट्स ऑफ़ मीटिंग में नए बांधकाम को हटाने का आदेश था। दुनिया भर में अमीरों पर नज़र रखने वाली चर्चित वेबसाइट फ़ोर्ब्स के अनुसार मंगल प्रभात लोढ़ा की इस समय कुल दौलत 6.8 अरब डॉलर है और दुनिया के शीर्ष अमीरों में उनका 390वां स्थान है। मंगल प्रभात लोढ़ा ने 1980 में मुंबई में लोढ़ा ग्रुप की स्थापना की थी जो आज मैक्रोटेक डेवलपर्स के नाम से जानी जाती है। समंदर के किनारे बसे होने और भारत की आर्थिक नगरी होने के कारण मुंबई में ज़मीन बहुत कम है और बिल्डरों, रियल इस्टेट के बिज़नेसमैन, व्यापारी, राजनेताओं आदि की गिद्ध नज़र उन बस्तियों, झुग्गियों, रिहाइशी इलाकों, बंद पड़ी फैक्ट्रियों पर लगी होती है जहां मज़दूर वर्ग की आबादी रहती है।सरकारें इन्हीं बिल्डरों, रियल इस्टेट के बिज़नेसमैन, व्यापारी, राजनेताओं की साठ गांठ से ऐसी ज़मीनों को खाली कराने और लोगों को बेघर करने के घिनौने काम को अंजाम देती हैं।