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central employees: केंद्रीय कर्मचारियों को जोर का झटका जोरों से, सरकार ने नहीं किया ये काम

 
central employees:  केंद्रीय कर्मचारियों को जोर का झटका जोरों से, सरकार ने नहीं किया ये काम
General Provident Fund : आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक अपै्रल से छोटी बचत योजनाओं की ब्याज की दरों में सरकार की और से बढ़ोतरी की जा चुकी है। लेकिन जून तिमाही के लिए सीपीएफ(CPF) की ब्याज की दरों में भी बढ़ोतरी कर नई ब्याज दरों को लागू किया गया। Dainik Haryana News : Employes News (ब्यूरो): अगर आप भी केंद्रीय कर्मचारी हैं तो ये खबर आपको निराश करने वाली है। सरकार की और से ताजा अपडेट सामने आ रही है जो आपको काम की है। जैसा की आप जानते हैं सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज की दरों में बढ़ोतरी कर दी है। उसके बाद कर्मचारी आस लगा रहे थे के जरनल प्रोविडेंट फंड ( general provident fund) पर भी सरकार ब्याज की दरों में वृद्धि करेगी लेकिन मोदी सरकार(Modi Goverment) ने इसे लेकर कोई भी फैसला नहीं लिया है। इसके बाद कर्मचारियों को नुुकसान का सामना करना पड़ रहा है। आइए खबर में जानते हैं बाकि की जानकारी। READ ALSO:IPL 2023 : आईपीएल 2023 में दिल्ली को रोहित शर्मा ने पछाड़ा 

1 अपै्रल से बढ़ी ब्याज की दरें :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक अपै्रल से छोटी बचत योजनाओं की ब्याज की दरों में सरकार की और से बढ़ोतरी की जा चुकी है। लेकिन जून तिमाही के लिए सीपीएफ(CPF) की ब्याज की दरों में भी बढ़ोतरी कर नई ब्याज दरों को लागू किया गया। लेकिन जनरल प्रोविडेंट फंड( general provident fund) की ब्याज दरों में किसी भी तरह की बढ़ोतरी करने का कोई फैसला नजर नहीं आ रहा है। इससे कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि इस बाद वो ब्याज की दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे। सम्मान निधि में और भविष्य निधि( respect fund and provident fund) में ब्याज की दरों को 14वीं बार में 7.1 रखने का फैसला सरकार की और से लिया गया है। READ MORE : IPL History: आईपीएल इतिहास में किस-किस ने लुटाए एक ओवर में सबसे ज्यादा रन,तो किन टीमों ने किया सबसे ज्यादा का स्कोर चेज

कौन लेता है जीपीएफ(Who takes GPF) :

जो केंद्र कर्मचारी ( center staff)यानी सरकार कर्मचारी होते हैं जीपीएफ(GPF) उन्हीं को मिलता है। उनको अपने वेतन का एक सही उचित हिस्सा दिया जाता है जो उनको उनकी रिटायरमेंट के बाद मिलता है। हर तीन महीने के बाद इसकी ब्याज की दरों में बदलाव किए जाते हैं लेकिन इस बार सरकार की और से इसे लेकर किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है और ना ही कोई बात कही गई है। इसके कारण कर्मचारी थोड़े परेशान हैं।