Child Marriage : बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार ने उठाए बड़े कदम
Apr 21, 2023, 20:21 IST
Child Marriage : जैसा की आप जानते हैं बाल विवाह एक बहुत ही बड़ा अपराध माना जाता है। बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार और जिला प्रशासन काफी सारे काम कर रही है और कानून बना रही है। हाल ही में बाल विवाह को रोकने के लिए भी सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। आइए खबर में जानते हैं उनके बारे में। Dainik Haryana News :#Child Marriage (नई दिल्ली) : अक्षय तृतीया के अवसर पर 22 अप्रैल को बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सजग है। किसी आमजन को बाल विवाह की सूचना मिले तो उसकी जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम नम्बर 100, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 और पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन कर जानकारी दे सकते हैं। जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सरीता शर्मा ने बताया कि अक्षय तृतीया पर बहुत अधिक शादियां होती हैं। ऐसे मुहूर्त पर बाल विवाह होने का अंदेशा बना रहता है। बाल विवाह एक अभिशाप ही नहीं बल्कि एक अपराध है। बाल विवाह से लड़के और लड़की दोनों की जिंदगी खराब हो जाती है। बाल विवाह करने पर न ही उनके शरीर का ठीक से विकास हो पाता है और ना ही वह जन्म देने वाले बच्चे का विकास कर पाते हैं। READ ALSO : Urfi Javed: उर्फी जावेद बदन पर कागज लपेटकर आई सामने इसलिए लड़के की उम्र 21 वर्ष व लड़की की उम्र 18 वर्ष होने के बाद ही शादी करनी चाहिए ताकि वह अपना व अपने होने वाले बच्चों का ठीक से विकास कर पाएं। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि अगर आपको कहीं बाल विवाह होने की सूचना मिले तो उसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक, एसडीएम(SDM), सीटीएम(CTM), तहसीलदार, नजदीकी पुलिस थाना/चौकी, आंगनवाड़ी वर्कर, डब्ल्यूसीडीपीओ(WCDPO), जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, बाल विवाह निषेध अधिकारी तथा पुलिस कंट्रोल रूम नम्बर 100, चाइल्ड हेल्पलान नंबर 1098, महिला हैल्पलाईन नंबर 1091 और पुलिस हैल्पलाईन नंबर 112 पर दें ताकि बाल विवाह को रोका जा सके। READ MORE : Railway News : अरे वाह! अब ट्रेन में मिलेगा फ्री खाना उन्होंने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार लड़की की शादी 18 वर्ष व लड़के की शादी 21 वर्ष से पहले की जाती है, तो वह कानूनन अपराध है। एक्ट के तहत बाल विवाह के आयोजन में भागीदार सभी लोगों पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी जिसके तहत 2 साल की जेल व एक लाख रूपए तक के जुर्माने का भी प्रावधान है।