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High Court Decision : हाईकोट का बड़ा फैसला, ऐसी बहू को घर से बार कर सकते है सास-ससुर

 
High Court Decision :  हाईकोट का बड़ा फैसला, ऐसी बहू को घर से बार कर सकते है सास-ससुर
Court Decision : दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है जिससे बुजुर्गो को मिलेगी बड़ी राहत दी है। साथ ही आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि बहु-बेटे में होने वाले विवादों के बीच यदि वो बुजुर्गाे को परेशान करे तो वो उनको घर से बाहर निकाल सकते है। आइए जानते है कोर्ट की और से आए इस फैसले को विस्तार से। Dainik Haryana News, High Court Decision 2024(New Delhi) : जो बहु घर में झगड़ा करती है और सास-ससुर को परेशान करते है। और बहू से परेशान बुजुर्गो को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि बहू-बेटे में रोज होने वाले विवादों के बीच मां-बाप को अधिकार है कि वो बहू को घर से बाहर निकाल सकतें है। Read Also:2024 Rashifal : इन लोगों की किस्मत चमका देगा साल 2024 का पहला महीना, जानें अपना राशिफल

सास-ससुर को शांतिपूर्ण जीवन जीने का अधिकार:

न्यायमूर्ति ने कहा कि इस मामले में सास-ससुर लगभग 74 और 69 साल के वरिष्ठ नागरिक हैं. उन्हें शांतिपूर्ण जीवन जीने और बेटे-बहू के बीच के वैवाहिक कलह न झेलने के हकदार हैं. उन्होंने अपने आदेश में कहा कि 'मेरा मानना है कि चूंकि दोनों पक्षों के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं, ऐसे में जीवन के अंतिम पड़ाव पर बुजुर्ग सास-ससुर के लिए याचिकाकर्ता के साथ रहना सही नहीं होगा. इसलिए याचिकाकर्ता को घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम की धारा 19(1)(अऋ) के तहत कोई वैकल्पिक आवास मुहैया कराया जाए.' उन्होंने बहू को अलग रहने का निर्देश जारी किया.

बहू को संयुक्त घर में रहने का अधिकार नहीं :

हाईकोर्ट से साफ शब्दों में कहा है कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत किसी भी बहू को संयुक्त घर में रहने का अधिकार नहीं है. उसे ससुराल के बुजुर्ग लोगों की ओर से बेदखल किया जा सकता है. बुजुर्ग लोग शांतिपूर्ण जीवन जीने के हकदार हैं. उन्हें इससे कोई रोक नहीं सकता. बुजुर्गों को अधिकार है कि वे ऐसी बहू को अपनी संपत्ति से बेदखल कर सकें. Read Also : 2024 Rashifal : इन लोगों की किस्मत चमका देगा साल 2024 का पहला महीना, जानें अपना राशिफल

वैकल्पिक आवस देने का दिसा आदेश:

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस योगेश खन्ना एक बहू और निचली अदालत के आदेश के खिलाप दायर की गयी अपील पर सुनवाई कर रहे थे। बहू ने कहा था कि उसे ससुराल में रहने का अधिकार नहीं दिया गया है। इस पर जस्टिस ने कहा कि संयुक्त परिवार के मामले में संबंधित संपत्ति के मालिक अपनी बहू को संपत्ति से बेदखल कर सकते हैं। यह उचित रहेगा कि याचिकाकर्ता को उसकी शादी जारी रहने तक वैकल्पिक आवास प्रदान किया जाए।