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Indian Navy Deployed Warships In Red Sea : लाल सागर में हूतियों को मजा चखाने के लिए भारतीय नौसेना ने किये इंतजाम!

 
Indian Navy Deployed Warships In Red Sea : लाल सागर में हूतियों को मजा चखाने के लिए भारतीय नौसेना ने किये इंतजाम!
Warships In Red Sea : जैसा कि आप जानते हैं लाल सागर में लगातार हूति के विद्रोही मालवाहक जहाजों पर हमला कर रहे हैं। ऐसे में सभी काफी परेशान हैं। लेकिन अब भारतीय नौसेना ने ऐसे इंतजाम कर दिए हैं कि हूतियों को मजा चखाने के लिए तैयारी कर ली है। आइए खबर में जानते हैं। Dainik Haryana News,Indian Navy Deployed Warships In Red Sea (ब्यूरो): लाल सागर में लगातार हूति के विद्रोही मालवाहक जहाजों पर हमले कर रहे हैं जिसकी वजह से कंपनी अपने जहाजों को लाल सागर में भेजने से कतरा रही है। ऐसे में देश की इकोनॉमी पर असर पड़ रहा है और चीजों की कीमतें बढ़ रही है। रिपोर्ट से पता चल रहा है कि इन हमलों में एंटी शिप बलिस्टिक मिसाइल का भी इस्तेमाल किया जा रहा था और हर रोज के इन हमलों को देखते हुए भारतीय नौसेना ने लाल सागर और अदन की खाड़ी में तैनाती बढ़ाई है। नौसेना के निगरानी विमान भी लगातार नजर रख रहे हैं। साथ ही युद्धपोत में तैनात मरीन कमांडो अदन की खाड़ी के पास शिप को रोककर औचक जांच कर रहे हैं। आखिर भारतीय नौसेना को क्यों बढ़ानी पड़ी है। READ ALSO :2024 Vastu Tips : साल 2024 शुरू होते ही अपने पर्स में रख लें ये एक चीज, नहीं होगी धन की कमी

जानें क्यों जरूरी है लाल सागर की सुरक्षा?

सभी को लाल सागर की सुरक्षा की चिंता हो रही है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर लाल सागर इतना जरूरी क्यों है, जी हां 80 प्रतिशत कच्चा तेल फारस की खाड़ी के रास्ते आता है और 90 प्रतिशत बिजनेस स्वेज नहर से होते हुए लाल सागर के रास्ते से ही आता है। भारत काफी ज्यादा मात्रा में रूस से कच्चा तेल लेता है और यह तेल भी लाल सागर के रास्ते से ही आता है। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) में विदेश नीति अध्ययन केंद्र के उपाध्यक्ष प्रफेसर हर्ष वी. पंत कहते हैं बिजनेस करने का यह एक छोटा रूट है अगर इस रूट पर परेशानियां होती रहेंगी तो लंबे रूट को लेना पड़ेगे जिससे लागत ज्यादा आएगी। इसके अलावा समय भी ज्यादा लगेगा जिसके बाद समय पर चीजें ना पहूंच पाने की वजह से पूर्ति कम होगी और मांग ज्यादा, कीमतों में तेजी आएगी और आमजन पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। READ MORE :January 2024 Fast List : देखें जनवरी में आनें वाले सभी व्रतों की सूची लाल सागर में खतरा बढ़ने से भारत आने वाले कई मर्चेंट शिप अब अफ्रीका की तरफ से यानी केप ऑफ गुड होप की तरफ से आने लगे हैं। इससे दूरी 40% बढ़ गई है। दूरी बढ़ने से शिपमेंट महंगा होगा तो सामान भी महंगा होगा और इसका असर हर देशवासी पर पड़ेगा। इसलिए एक्सपर्ट कहते रहे हैं कि हमें मजबूत नेवी की जरूरत है। नेवी को और मजबूत करने पर काम भी हो रहा है। साल 2008 में जब इस एरिया में समुद्री लुटेरों की हरकत बहुत बढ़ गई थी तब मर्चेंट शिप( merchant ship) का इंश्योरेंस अमाउंट डबल हो गया। इससे आने वाला सामान भी महंगा हो गया। जिसके बाद भारतीय नेवी ने वहां शिप लगाए। अब तक वहां पर समुद्री लुटेरों से मर्चेंट शिप को सुरक्षा देने के लिए नेवी के वॉरशिप तैनात हैं। 2017 से ही नेवी के 7 मिशन बेस्ड डिप्लॉयमेंट ( वॉरशिप) अदन की खाड़ी से लेकर वेस्टर्न पैसिफिक तक तैनात हैं।

भारतीय नौसेना ने करें सुरक्षा के इंतजाम :

नेवी ने अपने छह टॉप क्लास वॉरशिप अदन की खाड़ी के आसपास लगा दिए हैं। डॉर्नियर, सी-गार्डियन और पी-8आई एयरक्राफ्ट से भी लगातार निगरानी हो रही है। मेरीटाइम सिक्योरिटी एक्सपर्ट और नेवी से रिटायर्ड कैप्टन डी.के. शर्मा कहते हैं कि लुटेरे या हमलावर कहां से अटैक करेंगे, इसका पता नहीं है। नेवी की तैनाती बढ़ने से विजुअल प्रेंजेंस बढ़ी है, जिसका मजबूत संदेश जाएगा। जब आसमान पर लगातार नेवी के प्रिडेटर ड्रोन चक्कर लगाते दिखेंगे तो मर्चेंट शिप भी ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगे। नेवी के मरीन कमांडो वहां रैंडम चेकिंग कर रहे हैं, जिससे अटैक करने वालों पर, और समुद्री लुटेरों में भी यह संदेश चला जाएगा कि नेवी की तैनाती बढ़ी है और वह हरकत करने से पहले सोचेंगे। नेवी ने जहां अदन की खाड़ी के आसपास तैनाती बढ़ाई है, वहीं कोस्ट गार्ड के चार बड़े शिप हमेशा भारत के एऐ ( Exclusive Economic Zone) की सिक्योरिटी के लिए तैनात रहते हैं। इसके अलावा और भी छोटे शिप तैनात रहते हैं।