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Inflation 2023 : आमजन को महंगाई का एक और झटका, 9 दिना बाद महंगी हो जाएंगी ये चीजें

 
Inflation 2023 : आमजन को महंगाई का एक और झटका, 9 दिना बाद महंगी हो जाएंगी ये चीजें
Inflation News : मंहगाई अपने चरम पर है और कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहां लोग बारिश के कारण जल भराव से परेशान हैं दूसरी तरफ महंगाई ने नाक में दम कर दिया है। रिपोर्ट सामने आ रही है कि अगस्त के महीने में महंगाई में और भी बढ़ोतरी होने जा रही है। आइए खबर में जानते हैं कितनी बढ़ने जा रही महंगाई। Dainik Haryana News :#Inflation Latest News (नई दिल्ली): पूरे देश में बढ़ती महंगाई से लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। टमाटर की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। किचन में टमाटर देखने को ही नहीं मिल रहा है। महंगाई को लेकर ताजा सुचना सामने आ रही है कि जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने शुक्रवार को कहा कि जुलाई और अगस्त के महीनों में सब्जियों की कीमतों के आसमान छूने से खुदरा मुद्रास्फीति( retail inflation) के एक बार फिर छह प्रतिशत के ऊपर पहुंच जाने की आशंका है.

RBI के अनुमान से कई गुना ज्यादा होने जा रही महंगाई :

READ ALSO :India Railway : रेल में सफर करने वाले लोगों की हुई मौज, अब से इन लोगों का ट्रेन में लगेगा सिर्फ इतना किराया अगर ऐसा होता है तो यह रिजर्व बैंक के महंगाई के संतोषजनक स्तर से अधिक होगा. सरकार ने रिजर्व बैंक(RBI) को खुदरा महंगाई दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत तक सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है.

लगातार महंगी हो रही सब्जियां :

आंकड़ों का कहना है कि सब्जियों के दाम चढ़ने से सजग हुई सरकार खाद्य उत्पादों की आपूर्ति सुधारने के लिए कई तरह के काम कर सकती है। एक दिन पहले ही सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाई है.

सरकार करने जा रही ये काम :

जुलाई और अगस्त में खुदरा महंगाई के छह प्रतिशत से अधिक रहने के आसार हैं. इसके पीछे सब्जियों के दाम में आई तेजी की अहम भूमिका होगी. जनता क्यास लगा रही है कि सरकार इसे सुधारने के लिए काफी ज्यादा कोशिश करेगी। READ MORE :Virat Kohli 500 International Match: विराट कोहली ने करियर के 500 वें मैच में रचा इतिहास

जून महीने में इतनी हुई थी महंगाई :

ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि इस साल के आखिर में कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुद्रास्फीति को काबू में रखना सरकार के लिए एक राजनीतिक प्राथमिकता भी होगी. जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.81 प्रतिशत हो गई जबकि मई में यह 4.31 प्रतिशत रही थी. इसके लिए खाद्य उत्पादों की कीमतों में आई तेजी को जिम्मेदार बताया गया था.

RBI ने नहीं बढ़ाई रेपो रेट :

रिजर्व बैंक(RBI) ने पिछले साल खुदरा मुद्रास्फीति के उच्च स्तर पर पहुंच जाने के बाद नीतिगत रेपो दर में वृद्धि कर मांग पर काबू पाने की रणनीति अपनाई है. लगातार कई बार रेपो दर में वृद्धि की गई और यह चार प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच गई। पहले दो महीने में रेपो रेट की दरों को वैसे का वैसा रखा गया है।