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Joshimath : जोशीमठ में जमीन दरकने का कारण आया सामने, जानकर होंगे हैरान

 
Joshimath : जोशीमठ में जमीन दरकने का कारण आया सामने, जानकर होंगे हैरान
Dainik Haryana News : Joshimath Update : जैसा की आप जानते हैं कुछ दिन पहले उत्तराखंड़ के जोशीमठ में जमीन के चीजे धसने के कारण लोगों के दिलों में डर बैठ गया है। तभी से लेकर वैज्ञानिक इस कारण को खोजने में लगे हुए हैं कि आखिर जमीन का नीचे जाना क्या कारण हो सकता है। हाल ही में जानकारी मिल रही है कि जोशीमठ आपदा का सारा जिम्मा श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी( Sri Dev Suman University) का था और वहां के वैज्ञानिकों ने इसका कारण खोज लिया है। यूनिवर्सिटी ने पूरी रिपोर्ट को कुलपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और सचिव को सौंप दी है।         सबसे हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि जमीन का नीचे दरकना प्रकृति के साथ उठापटक की गई है जिसके कारण वहां की जमीन में दरारे आ रही हैं और जमीन नीचे की और जा रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जोशीमठ के नौटियाल में एक लंबे समय तक ग्लेशियर रहा है जिसके कारण यहां पर काफी सारा बोल्डर जमा हो गया है जिसका कारण है कि ग्लेशियर के फटने के कारण जमीन नीचे की और जा रही है।   Read Also: Napier Grass : एक बार लगाने से 5 साल तक फसल देता है ये पौधा, हर माह कमाएं 2 लाख   वैज्ञानिको की और से जानकारी मिल रही है कि नौटियाल में जमीन के नीचे काफी मात्रा में पानी है और उन्होंने बताया है कि ऐसी जगह पर 28 फीट से उंचा मकान नहीं होना चाहिए लेकिन यहां पर उसके उपर बेहिसाब से लोगोें ने 8 8 मजिला मकान बना लिए हैं तो जमीन नीचे धसने का बड़ा कारण माना जा रहा है। दूसरा कारण NTPC टनल के निर्माण के दौरान इस जल का रिसाव होने के कारण भी ये आपदा आई है।   Read Also: Business Tips For Money :  इस फल की खेती किसानों को कर रही लखपति 40 से अधिक परिवार बेघर :       पैंगढ़ गांव में रहने वाले लोग इस आपदा के कारण 40 परिवार ऐसे हैं जो इस आपदा के कारण अपने घरों से बेघर हो चुके हैं और ये तब हुआ जब उनको अपने खेतों और रोड पर जमीन में दरारें दिखाई देने लगी। लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हैं। इसके चलते सरकार की और से आदेश देकर इस गांव को खाली करा दिया गया है।     इस जांच को करने के लिए सरकार की और ये तीन लोगों की टीम को बिठाया गया था जो ऋषिकेश के परिसर कला के सकांय के डीन व भूगोल विभाग से प्रोफेसर डीसी( Professor DC from Department of Geography), भूगर्व विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अरविंद भट्ट( Dr. Arvind Bhatt, Head of Department of Geosciences) ने इसकी पूरी जांच की है।