Kisan News : पराली चलाने वाले किसानों के लिए सरकार ने बनाया ये प्लान, किसान रहें सावधान!
Oct 14, 2023, 18:37 IST
Latest News : धान की खेती पककर तैयार हो चुकी है। ऐसे में किसान धान के भूसे यानी पराली को जलाते हैं। पराली जलाने से देश में प्रदूषण ज्यादा फैलता है और लोगों को सांस लेने में मुश्किल होता है। हाल ही में किसानों के लिए नई योजना बनाई है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
Dainik Haryana News,Latest Update(चंडीगढ़): करनाल जिला उपायक्त अनीश यादव असंध तहसील के गांव डेरा गुजराखिया में शनिवार को अवशेष प्रबंधन के अंतर्गत चल रहे कार्यों का जायजा लेने पहुंचे। दौरे के दौरान उपायुक्त ने किसानों से भी बातचीत की। इस मौके पर किसानों ने पराली न जलाने की शपथ ली कि वे न तो स्वयं पराली में आग लगाएंगे न दूसरों को लगाने देंगे।
उपायुक्त ने फसलों के अवशेष को खेतों में जलाने से न केवल उस जमीन को नुकसान होता है बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। उपायुक्त ने कहा कि सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कई योजनाएं चलाई और योजनाओं को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। सरकार के इस कदम से फसल अवशेष प्रबंधन को बल मिला और अब कई लोग केवल फसल के अवशेषों से ही लाखों रुपए कमा रहे हैं।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे फसल कटाई के बाद फसल अवशेषों में कोई भी आगजनी की घटना ना करें। कृषि विभाग द्वारा किसानों को आई-एसआईटीयू / ईएक्स-एसआईटीयू के लिए एक हजार रूपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान फसल अवशेष प्रबंधन में अपना पूर्ण सहयोग दें और उक्त स्कीम का लाभ उठाएं।
अब तक करनाल जिले में सैटेलाईट से 23 AFL (एक्टिव फायर लोकेशन) मिली हैं जिससे आग लगाने वाले किसानों का 57500 रुपये का चालान भी किया गया है। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए गाँव, तहसील व जिला स्तर पर निगरानी कमेटियों का गठन किया गया है जो हर समय अपने निर्धारित एरिया में गस्त कर रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपने फसल के अवशेषों को न जलाएं व इनका उचित प्रबंधन कर या तो खेत में मिलाएं या गांठे बनवाएं तथा सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं का लाभ उठाएं। जिले में अब तक फसल अवशेष परबंधन की 7500 कृषि यंत्र पर सरकार द्वारा अनुदान पर दिए जा चुके हैं।