Technology will Save Elephants : ट्रेन की चपेट में आने से हाथियों को बचाएगी ये तकनीक
Nov 30, 2023, 14:29 IST
What is Gajraj : जब ट्रेन पटरियों पर दौड़ती है तो स्पीड काफी ज्यादा होती है। ऐसे में बहुत से जानवर ऐसे होते हैं जो अचानक ही ट्रेन से टकरा जाते हैं और घायल हो जाते हैं। बहुत बार ऐसा भी होता है कि मर भी जाते हैं, क्योंकि हाई स्पीड में ट्रेन को कंट्रोल नहीं किया जा सकता और ना ही रोका जा सकता है। Dainik Haryana News,What is Gajraj Technology (New Delhi): रेलवे ट्रेक पर बहुत से हाथी ट्रेन की चपेट में आ जाते हैं, कुछ की मौत हो जाती है तो कुछ बच भी जाते हैं। आंकड़ों की माने तो 10 साल के अंदर 200 हाथियों की मौत ट्रेन से टकराने की वजह से हो चुकी है। रेलवे के सामने यह सबसे बड़ी समस्या है और हाथियों को बचाने के लिए नई तकनीक लेकर आई है, जो हाथियों की जान को बचा सकते हैं। ट्रेन की चपेट में आने से सबसे ज्यादा मौत हाथियों की पश्चिम बंगाल में होती है। कई बार जंगलों से हाथियों के पूरे झुंड ही ट्रैक पर आ जाते हैं। भारतीय रेलवे हाथियों को ट्रेक से हटाने के लिए लगातार पेट्रोलिंग करता रहता है ताकि उन्हें बचाया जा सके। READ ALSO :Smallest Expressway : इस महीने से खुलेगा देश का सबसे छोटा एक्सप्रेसवे, इन शहरों से हो जाएगा ट्रेफिके जाम खत्म 10 साल में मारे गए 200 हाथी : पिछले 10 सालों में 30 हाथी असम में, 55 पश्चिम बंगाल में, 14 ओडिशा में, 9 उत्तराखंड में, 1 यूपी और 1 त्रिपुरा में मौत हुई है। रेलवे ने हाथियों की मौत को रोकने के लिए एक तकनीक को विकसित किया है जिसका नाम 'गजराज' है। इसका पायलट प्रोजेक्ट पूर्वोत्तर में नार्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे करीब 70 किमी. रेलवे ट्रैक न्यू अलीपुर द्वार और लामडिंग सेक्शन के बीच किया है.