Uttarakhand Tunnel: आज मजदूरों को उत्तराकांशी टनल(Uttarkanshi Tunnel) में फंसे हुए 12 दिन होने को आए और बचाव दल मजदूरों के नजदीक पहुंच चुका है। शुरूआत में जो बचाव के लिए किया जा रहा था वो सब विफल हो रहा था। हर बार निराशा हाथ लगने के बाद सभी के होंसले जवाब देने लगे थे, लेकिन 41 मजदूरों की जिंदगी बाहर काम कर रहे बचाव दल के हाथ मेंं है।
Dainik Haryana News: Uttarkanshi Tunnel News(नई दिल्ली): अंदर फंसे मजदूरों का होंसला भी जवाब दे रहा था, लेकिन मौके पर पहुंचे नितिन गड़करी ने सभी को होंसला दिया और एक बार फिर से काम तेजी से चलने लगा। विदेश से मंगवाई मशीन ने 24 मीटर छेद करने के बाद जवाब दे दिया और खराबी आने की वजह से काम रोकना पड़ा था। इसके बाद ड्रिल करते हुए टनल से दरार पड़ने की जोरदार आवाज आई और फिर से काम रोकना पड़ा। इसके एक दिन बाद फिर से काम शुरू किया गया।
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बचाव दल को पहली कामयाबी तक मिली जब अंदर फंसे मजदूरों के पास कैमरा पहुंचाया गया और मजदूरों के परिवार वालों से उनकी बात करवाई गई। परिवार वालों को भी इसके बाद राहत की सांस मिली। सभी 41 मजदूर सुरक्षित हैं।
अंदर फंसे मजदूरों से 6 मीटर दूर बचाव दल
पिछले 12 दिनों से हर वो संभव प्रयास किया जा रहा है जो मजदूरों को बाहर निकालने के लिए संभव हो। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए 5 प्लान बनाए गए थे, इनमें से मलबे में ड्रिल कर पाइप बिछाकर मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। 15,20 इंच तक की चौड़ाई के पाइप लाइन से मजदूरों को रेंगते हुए बाहर निकाला जाएगा।
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