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Viral News : पतंग उड़ाते समय चाइनीज डोर का इस्तेमाल करने वाले सावधान, सरकार ने किया ये ऐलान

 
Viral News : पतंग उड़ाते समय चाइनीज डोर का इस्तेमाल करने वाले सावधान, सरकार ने किया ये ऐलान
Government : बहुत से लोग ऐसे हैं जो पतंग को उड़ाते समय चाइनीज तार यानी डोरी का इस्तेमाल करते हैं जो हानिकारक होती है। इस डोर से पक्षियों को नुकसान होता है और उनकी जान चली जाती है। सरकार ने ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाही करने की बात कही है। आइए खबर में जानते हैं। Dainik Haryana News,Big Breaking(नई दिल्ली):  जिलाधीश मोनिका गुप्ता आईएएस ने एक आदेश पारित कर सिंथेटिक/नायलॉन-ग्लास लेपित धागा यानी चाइनीज मांझा से पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए धारा 144 लागू की है। यह प्रतिबंध आगामी आदेशों तक लागू रहेंगे। अगर कोई भी नागरिक इन आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि केवल सूत के धागे का ही इस्तेमाल करना होगा। कोई और धागा किसी भी धातू से बना हुआ नहीं होना चाहिए। पतंग उड़ाने के दौरान पतंग प्रतियोगिता या किसी अन्य कारण से कई पतंगें आसमान में कट जाती हैं। READ ALSO :Easy Business Idea : 5 हजार रूपये से शुरू करें ये बिजनेस, हर महीने होगी पैसों की बारिश ये सभी कटे हुए धागे पतंगों के साथ लंबे समय तक जमीन पर ही रहते हैं। प्लास्टिक सामग्री के बहुत लंबे जीवन और प्रकृति में गैर-बायोडिग्रेडेबल होने के कारण ये धागे पर्यावरण के दृष्टिकोण से चिंता का कारण बन जाते हैं। इसलिए नायलॉन, प्लास्टिक या किसी अन्य सिंथेटिक सामग्री से बने पतंग उड़ाने वाले धागे की बिक्री, उत्पादन, भंडारण, आपूर्ति आयात और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस प्रकार का धागा से मनुष्यों व पक्षियों को गंभीर चोट पहुंचती है। यह वन्यजीवों व पर्यावरण के लिए समान रूप से हानिकारक हैं। इस प्रकार के धागे से मनुष्यों व पक्षियों की मृत्यु होने का भी खतरा रहता है। READ MORE : Chandrayaan 3 Today Live Update: क्या चंद्रयान 3 के इस रहस्य को जानते हैं आप, लैंडिंग से पहले हुआ बड़ा खुलासा पुलिस अधीक्षक, सभी उपमंडल मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, वन और वन्यजीव विभाग के सभी अधिकारी जो वन्यजीव निरीक्षकों के पद से नीचे न हों, हरियाणा पुलिस के अन्य सभी अधिकारी जो उप-निरीक्षकों के पद से नीचे न हों, नगर परिषद व नगर पालिका समितियों के कार्यकारी अधिकारी, सचिव, नगरपालिका अभियंता, कनिष्ठ अभियंता और स्वच्छता निरीक्षक इन आदेशों को अपने-अपने क्षेत्र में आदेशों को लागू करवाएंगे। जिसने भी सरकार की इस बात को नहीं माना है उसे भारतीय दंड सहिंता की धारा 188 के तहत सजा दी जाएगी।