India Weather : मौसम विभाग की ताजा अपडेट, अल नीनो लेकर आएगा चक्रवात
Dainik Haryana News,Weather Today In India(ब्यूरो): जून 2024 तक अल नीनो की वजह से तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है जिसका असर जुलाई और अगस्त में रहने की संभावना है। व्यापारिक हवाएं समुद्र के गर्म सतही जल को दक्षिण अमेरिकी तट से दूर ऑस्ट्रेलिया व फिलीपीन की ओर धकेलते हुए प्रशांत महासागर के किनारे-किनारे पश्चिम की ओर बहती हैं। अल नीनो गर्म जलधारा है, जिसके कारण सागरीय जल का तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है।
इसी कारण सतही हवा का तापमान भी बढ़ता है। दुनियाभर के कई हिस्सों जिनमें बंगाल की खाड़ी, फिलीपींस और कैरेबियन सागर(Philippines and Caribbean Sea) भी शामिल हैं, अल नीनो की घटना जारी है। सतही हवा का तापमान ज्यादा होने से चरम मौसम की घटनाएं होंगी और चक्रवात, लू व जंगलों में आग बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
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अल नीनो की वजह से समान अवधि के दौरान वैश्विक औसत सतही तापमान के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के 90 प्रतिशत आसार बताए जा रहे हैं। पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में रहने वाली गर्म सतह वाला पानी भूमध्य रेखा के साथ पूर्व की तरफ ढ़ रहा है जिसकी वजह से भारत में गर्मी ज्यादा पड़ने की आशंका है। इसकी वजह से सूखे और तेज बारिश के आसार बनते हैं।
तैयार किया मॉडल :
साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार प्रमुख शोधकर्ता कांगवेन झू(Lead Researcher Congwen Zhu) और उनके सहयोगियों ने 1951 से 1980 के औसत सतही हवा के तापमान में क्षेत्रीय भिन्नता पर 2023-24 में अल नीनो के प्रभावों का मॉडल तैयार किया। ऐसा करने पर अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि मध्यम अल नीनो की स्थिति होने पर भी बंगाल की खाड़ी और फिलीपींस में इस अवधि के दौरान औसत सतही हवा का तापमान रिकॉर्ड तोड़ था।
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नासा ने जारी की रिपोर्ट(Nasa Report For Weather) :
नासा ने अल नीनो की गर्म लहर को अंतरिक्ष से ही कैप्चर किया है और प्रशांत महासागर(Pacific Ocean) में गर्म पानी की एक लहर दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट से पूर्व की तरफ निकली थी। सैटेलाइट के मुताबिक इन्हें केल्विन लहरें कहा जाता है जो प्रशांत महासागर में सिर्फ इंडिया नहीं बल्कि पूरे एशिया की तरफ बढ़ रही हैं।