Uttarakhand UCC Bill : उत्तराखंड UCC बिल में क्या है खास, लिव इन रिलेशनशिप को लेकर क्या आया फैसाल
Dainik Haryana News,Uttarakhand UCC Bill Update(नई दिल्ली): उत्तराखंड(Uttarakhand News) जल्द ही समान नागरिक संहिता लागू करने वाला राज्य बन सकता है। 4 फरवरी को उत्तराखंड कैबिनेट से यूसीसी विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद आज विधानसभा में पेश किया गया है। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद विधेयक बन जाएगा व मंगलावार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश करने के बाद राज्य विधानसभा में विधायकोंने वंद मातरम व जय श्री राम के नारे लगाए हैं।
समान नागरिक संहिता(uniform civil code) विधेयक पास होने के बाद कानून बन जाएगा व इसके साथ ही देवभूमि उत्तराखंड देश में यूसीसी लागू(UCC applicable) करने वाला आजादी के बाद पहला राज्य होगा। मसौदे में 400 से ज्यादा धाराएं हैं जिसका लक्ष्य पारंपरिक रीति-रिवाजों से पैदा होने वाली विसंगतियों को दूर करना है व समान नागरिक संहित के प्रबल हिमायती एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय के का कहना है कि समान नागरिक संहिता लागू नहीं होने से कई समस्याएं हैं। कुछ कानून में बहू को शादी करने की छूट है, हिंदू, पारसी, ईसाई के लिए दूसरी शादी अपराध है व 7 साल की सजा का प्रावधान है इसलिए कुछ दूसरी शादी करने लिए धर्म बदल लेते हैं। समान नागरिक संहिता (UCC) के लागू होने के बाद बहुविवाह पर रोक लगेगी. बहुविवाह पर भी पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
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कई जगह ऐसी होती हैं जहां पर छोटी आयु में ही लड़कियों की शादी हो जाती हैं और शारीरिक व मानसिक रूप से परिपक्व नहीं होती है कई जगहों पर 18 और 21 साल की आयु में शादी कर देते हैं। लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है। समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद उत्तराखंड में लिव इन रिलेशनशिप का वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा। अगर लिव इन(Live In Relationship Rule in Uttarakhand ) में रहने के लिए किसी ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो उसे 25 हजार रूपये का जुर्मानादेना होगा। रजिस्ट्रेशन के तौर पर जो रसीद युगल को मिलेगी उसी के आधार पर उन्हें किराए पर घर, हॉस्टल या पीजी मिल सकेगा.
UCC का कहना है कि सिर्फ एक व्यस्क पुरूष व एक व्यस्क महिला ही लिव इन में रह सकते हैं। इसके अलावा लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए साथ प्रोहिबिटेड डिग्रीस ऑफ रिलेशनशिप में नहीं होने चाहिए. पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार को उनके माता-पिता या अभिभावक को देनी होगी. कानून लागू होने के बाद शादी के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। अगर कपल ऐसा नहीं करते हैं आप मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रह जाएंगे। चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) की सेवानिवृत्त जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था.
ये हैं यूसीसी की जरूरी बातें :
1.महिला पुरूष दोनों को तलाक देने के लिए एक समान अधिकार दिए जाएंगे।
2.स•ाी धर्मों की लड़कियों करने की उम्र 18 साल होगी।
3.लिव इन रजिस्ट्रेशन ना कराने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
4.महिला के दोबारा शादी करने पर कोई शर्त नहीं होनी है। अनुसूचित जाती इस दायरे से बाहर हैं।
5.लिव इन रिलेशनशिप में पैदा बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। उत्तराखंड में बेटियों को समान अधिकारी मिलेगा।
6.बहु विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं हो सकती है.
7.शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं है.
UCC से क्या नहीं बदलेगा?
1. ऐसा नहीं है कि शादी पंडित या मौलवी नहीं कराएंगे.
2.धार्मिक रीति-रिवाज पर असर नहीं है.
3.खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर प्रभाव नहीं है.
4.धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
UCC लागू क्या होगा?
1.हर धर्म में शादी, तलाक के लिए एक ही कानून होंगे.
2.जो कानून हिंदुओं के लिए, वही दूसरों के लिए भी हैं.
3.बिना तलाक एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे.
4.मुसलमानों को 4 शादी करने की छूट नहीं रहेगी.