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जानिए, क्या पिता बेटे की अनुमति के बिना बेच सकता है संपति

 
जानिए, क्या पिता बेटे की अनुमति के बिना बेच सकता है संपति
Dainik Haryana News : Update : जैसा की आप जानते हैं देश में पिता के बाद घर के बैटों और बेटियों का संपति पर अधिकार होता है। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या, पिता बेटे की अनुमति के बिना संपति को बेच सकता है या नहीं। आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से पूरी बात। साल 2005 में किए गए संशोधन में लड़का और लड़की दोनों को ही समान अधिकर दिया गया।       पहले ये अधिकर सिर्फ पुरूष वंशजों को ही होते थे। हाल ही में कोर्ट में हुए केश में फैसला सुनाया गया के संपति में बेटा और बेटी दोनों को ही समान अधिकर है। कोर्ट का कहना है कि बेटियों को उनके सहदायिकी का अधिकर उनके जन्म के साथ ही मिलता है। हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम परित होने तक पिता के जीवित होना जरूरी नहीं था।   Read Also: Beautiful Valleys In India : जानें देश की 5 सबसे खूबसूरत वादियों के बारे में   अधिनियम में सिर्फ उनको ही जमीन में हिस्सा दिया गया जिनके पिता 9 सितंबर 2005 से पहले जीवित थे। हमारे यहां के कानून में जब भी किसी व्यक्ति का जन्म होता है तो वह संपति में अपना हक लेकर ही पैदा होता है। संपति के दो पहलू होते हैं यो तो उसे संपति अपने पिता से मिली होती है या फिर दादा से।   Read Also: Funny Jokes: दिन भर की टेंशन हो जाएगी दुर, पढ़ते ही ये Funny Jokes   इसके अलावा अगर दादा ने पिता को उपहार में संपति को दिया है तो से पैतृक नहीं माना जाता है। जब भी एक बेटा जन्म लेता है तो वो उसकी संपति में अपना हिस्सा लेकर ही पैदा होता है और वो कभी उस जमीन के लिए दावा कर सकता है। लेकिन, कोई भी सौतेला बेटा इसके लिए मांग नहीं कर सकता है हालांकि, कुछ मामलों में कोर्ट उनको अधिकार देता है पर हर एक में नहीं।