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Environment : शहर के विस्तार में धूमिल हो रहा पर्यावरण ,आने वाली पीढ़ी का जीना हो सकता है दूभर

 
Environment : शहर के विस्तार में धूमिल हो रहा पर्यावरण ,आने वाली पीढ़ी का जीना हो सकता है दूभर
Environment Most Important : पर्यावरण हमारे जीने के लिए बहुत जरूरी है। आज कल के लोग अपने जीवन को सुरक्षित रखने की कोशिश नहीं कर रहे हैं और आने वाली पीढ़ी के लिए मुशिकलें खड़ी कर रही हैं। ऐसे में आपको हर तरफ पौधा रोपण करना चाहिए और अपने पर्यावरण को बचा लेना चाहिए। Dainik Haryana News :#Environment (ब्यूरो) : शहरों के विकास और विस्तार के चलते पूरी तरह से पर्यावरण नष्ट होता जा रहा है। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार मौसम की आपदाएं दुनिया को चार से पांच गुना अधिक बार मार रही हैं और 1970 के दशक की तुलना में सात गुना अधिक नुकसान पहुंचा रही हैं। ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु संकट पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय रहे। इस साल हीटवेव, वायु प्रदूषण, तूफान और आग ने दुनिया भर में समस्याएं पैदा की हैं। लेकिन इन के बीच, भारत ने भी पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। तो वहीं अगर बात करनाल शहर की करें तो जैसे जैसे शहर में बाजार, सेक्टर और निर्माण कार्य बढ़ते जा रहे हैं, इसी के चलते कहीं न कहीं पर्यावरण खत्म होता सा दिखाई दे रहा है शहर में कच्ची गलियों, पक्की टाइलों में बदलती जा रही हैं. फुटपाथ पर भी पक्की टाइलिंग कर दी गई हैं जहां कभी घने पेड़ हुआ करते थे, वहां अब पेड़ों को काटकर नए-नए सेक्टर और उद्योग विकसित किये जा रहे हैं, इन सब के बीच पर पर्यावरण बहुत ही पीछे छूटता जा रहा है। जिसका असर आने वाले समय में जरूर दिखाई दे सकता है। शहर का विस्तार होना अच्छी बात है पर इसके साथ-साथ पर्यावरण का भी ध्यान रखना भी आवश्यक है। READ ALSO : Earth : पूर्व की और क्यों झुक रही है पृथ्वी? कौन है इसका जिम्मेदार शहर और बाजारों की चकाचोंध में पर्यावरण की सोच कहीं धूमिल सी होती दिखाई दे रही हैं। करनाल शहर के बाजारों की बात करें तो चाहे वह सराफा बाजार, गुड मंडी , नेहरू पैलेस या फिर कुंजपुरा रोड या रामनगर और प्रेम नगर में बसे इलाके क्यो न हों, इन भीड़ भरे बाजरों अथवा गलियों में दुकाने तो दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं लेकिन पेड़ घटते जा रहे है जिसका खामियाजा सबको कोरोना काल में भी चुकाना पड़ा था। वहीं अगर सेक्टरों की बात करें तो पहले जहां केवल 2 मंजिल का निर्माण कर सकते थे अब वह निर्माण बढ़ा दिए गए हैं। शहर के मुकाबले सेक्टर में आज भी कहीं न कहीं पार्क के माध्यम से पेड़ों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। करनाल जिला वन विभाग द्वारा मानसून शुरू होने के साथ जुलाई महीने से अभियान के तहत करीब 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभाग की ओर से इस बार पंचायत व कृषि भूमि पर छह लाख पौधे रोपित और करीब चार लाख पौधे अभियान के तहत बांटें जाएंगे। विभाग की ओर से इस बार जिले की 11 नर्सरियों में अलग-अलग प्रकार के 13 लाख 26 हजार 712 पौधे तैयार किए जा रहे हैं। जिन्हें मानसून सीजन में लगाने का काम किया जाएगा। वन विभाग की ओर से पिछले आठ सालों में 29,48,236 पौधे रोपित किए गए, लेकिन उचित देखभाल और लोगों में जागरूकता की कमी के कारण इनमें से लगभग एक तिहाई पौधे ही पेड़ बन पाए हैं। वन विभाग के नियमों के अनुसार गिनती में 30 सेंटीमीटर की मोटाई वाले पेड़ों को शामिल किया जाता है, इससे कम साइज के पेड़ों को आंकड़ों में शामिल नहीं किया जाता है। हालांकि सरकार ने प्रकृति और वन्य जीवन की सुरक्षा के लिए कई सारे कानून और योजनाएं बनाई हैं लेकिन फिर भी पर्यावरण को खत्म होने से नहीं बचाया जा रहा है। READ MORE :Chanakya Niti : जवान होते ही लड़कियां करती हैं ये काम, आप भी जरूर जानें

वृक्षों के संरक्षण के उपाय(ways to protect trees)

सभी को अधिक पौधे लगाने चाहिए। जो पेड़ बचे हैं उनकी रक्षा करनी चाहिए। पेड़ बचाने के लिए लोगों को पेड़ों के महत्व के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए तथा वनमहोत्सव जैसे आयोजन किये जाने चाहिए। इसके साथ साथ अधिक मात्रा में निकलने वाले दूषित पानी को संयंत्रों के द्वारा साफ करने के उपरांत ही पानी को खुले में छोड़ना चाहिए ताकि दूषित पानी पौधों को कोई नुकसान न पहुंचाए।