Dainik Haryana News

G-20 Sumit : बिजली उपभोक्ताओं के लिए जी20 सम्मेलन में लिया ये फैसला, आप भी जानें

 
G-20 Sumit : बिजली उपभोक्ताओं के लिए जी20 सम्मेलन में लिया ये फैसला, आप भी जानें
G-20 Sumit Update : दिल्ली में होने वाले जी20 सम्मेलन में बहुत से फैसले लिए गए हैं जो देश के विकास और जनता के हित में हैं। ऐसा ही फैसला एक बिजली इस्तेमाल करने वालों के लिए लिया गया है। आइए जानते हैं इसके बारे में। Dainik Haryana News,G-20 Sumit News(ब्यूरो): 20 देशों के होने वाले इस सम्मेलन में नए टारगेट सेट किए गए हैं। 20 देशों का कहना है कि कोयले से बनने वाली बिजली को बिल्कुल समाप्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा तेल और गैस से चलने वाले साधनों को बंद करने के बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा है कि साल 2030 तक वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के प्रयासों में तेजी लाई जाएगी। दुनिया में 85 फीसदी सकल घरेलू उत्पाद का योगदान देने वाले और 80 फीसदी उत्सर्जन देता है। READ ALSO :Funny Jokes : हंसने का कोई पैसा नहीं लगता और ना ही को हंसने समय होता है जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को खत्म करने और साल 2009 में किए अपने वादे पर कायम रहे हैं। शुक्रवार को आई ग्लोबल स्टॉकटेक रिपोर्ट में तकनीकी, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ाने और निर्बाध निर्बाध जीवाश्म ईंधन सही तरीके से समाप्त करना शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लिए ऊर्जा का संक्रमण के लिए एक अपरिहार्य तत्व है। जी20 शिखर सम्मेलन में जारी नेताओं की घोषणा में, समूह ने जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (IPCC) की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट (AR6) के निष्कर्षों का उल्लेख किया कि पेरिस समझौते के तापमान लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वैश्विक हरित गैस उत्सर्जन को 2020 से 2025 के बीच अपने उच्चतम बिंदु, या 'चरम' तक पहुंचना चाहिए। उनका कहना है कि इसका मतलब ये नहीं है, हर एक देश को इस समय सीमा के भीतर रहकर ही अपने उत्सर्जन शिखर पर पहुंचाना होगा। चरमोत्कर्ष की समय सीमा सतत विकास, गरीब उन्मूलन की जरूतों, सम्मानताओं और विभिन्न परिस्थितियों के अनुरूप ही तय करनी होगी। दुनिया में बहुत सी ऐसी पैसे वाली अर्थव्यवस्थाओं के समूह हैं जिन्होंने साल 2030 तक ऊर्जा दक्षता सुधार की दर को दोगुना करने पर स्वैच्छिक कार्य योजना पर भी ध्यान दिया है। 'ग्लोबल वार्मिंग' को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए 2019 के स्तर के सापेक्ष 2030 तक वैश्विक हरित गैस उत्सर्जन में 43 प्रतिशत की तीव्र, गहरी और निरंतर कटौती की आवश्यकता है। READ MORE :World First Aid Day :’फर्स्ट एड इन दा डिजिटल वर्ल्ड’ थीम के साथ मनाया गया विश्व प्राथमिकी चिकित्सा दिवस

जलवायु परिवर्तन :

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए और पेरिस समझौते में उल्लिखित तापमान उद्देश्यों को पाने के लिए कोशिश करनी चाहिए। सभी विकासशील देशों ने अपनी जलवायु को याुजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए 2030 से पहले की अवधि में 5.9 हजार अरब अमेकिी डॉलर की जरूत होगी, जिसका जक्ष्य ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे, अधिमानतः 1.5 डिग्री सेल्सियस पर रखना है. सम्मेलन में कहा गया है कि साल 2050 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिए विकासशील देशों को 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए हर साल लगभग 4 हजार अरब डॉलर अमेरिकी डॉलर की जरूत होगी।