Dainik Haryana News

IAS Success Story: बेटी को कामयाब बनाने के लिए मां ने छोड़े अपने सपने, बेटी मेहनत कर बनी IAS

 
IAS Success Story: बेटी को कामयाब बनाने के लिए मां ने छोड़े अपने सपने, बेटी मेहनत कर बनी IAS
Success Story: हर साल UPSC की परिक्षा का आयोजन किया जाता है। इस परिक्षा में हर साल सालों से तैयारी कर रहे बहुत से युवा इसका हिस्सा रहते हैं। बहुम कम को ही इसमें सफलता मिल पाती है। जिनको भी सफलता मिलती है वो इतिहास रच देते हैं। हम आपके लिए एक ऐसी युवा की कहानी लेकर आए हैं जिनको सफल बनाने के लिए उनकी मां ने अपने सपनों तक को कुरबान कर दिया और अच्छी खासी नौकरी छोड़ बेटी की पढ़ाई की और ध्यान दिया। बेटी ने अपनी मां के सपने को पुरा करने के लिए जी जान लगा दी और UPSC की टापर बनी। Dainik Haryana News: UPSC Success Story(नई दिल्ली): बच्चों की सफलता के पिछे उनके माता-पिता का त्याग छीपा होता है जो एक गुमनाम सख्स की तरह होता है। माता-पिता अपने बच्चों को हर मुश्किल से निकालने के लिए साथ देते हैं और हमेशा उनके साथ खड़े रहते हैं। हम आपको ऐसी ही एक माँ के त्याग की कहानी आपके लिए लेकर आए हैं और अपनी मां के सपने को पुरा किया बेटी ने। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के फतेहाबाद की रहने वाली IAS जागृति अवस्थी(IAS Jagriti Awasthi) की और उनकी मां मधुमालती की। जागृति अवस्थी ने इंजीनियरिंग करी और इसके बाद उनकी जाब लग गई। Read Also: Sam Bahadur Box office Collection Day 6: एनिमल के आगे सैम बहादूर भी कर रही डटकर मुकाबला, इतनी कर चुकी कमाई जागृति अवस्थी ने अपने IAS बनने के सपने को पुरा करने के लिए जाब छोड़ दी और पुरा ध्यान अपनी तैयारी पर लगा दिया। उनके माता पिता दोनों ही पैशे से टीचर हैं। अपनी बेटी की तैयारी के लिए मां ने अपनी जाब छोड़ दी। जागृति अवस्थी ने अपना पहला प्रयास साल 2019 में किया जिसमें वो असफल रही। सफलता ना मिलने से वो बहुत निराश हुई, लेकिन माता पिता की हिम्मत ने फिर से खड़ा होने के लिए प्रेरित किया। इसके ठीक एक साल बाद यानी 2020 में जागृति अवस्थी ने फिर से प्रयास किया और इस बार उन्होंने इतिहास रच दिया। Read  Also: IPS Success Story : ऊंट गाड़ी चलाने वाले का बेटा बना अफसर, पढ़ें सक्सेस स्टोरी जागृति अवस्थी ने आल इंडिया रैंक 2 लाकर UPSC टाप किया। इसके बाद उनको यूपी कैडर मिला। IAS जागृति अवस्थी यूपीएससी की तैयारी कर रहे सभी युवाओं को कहती है कि सफलता का कोई सार्टकट नही होता। पहले लगातार तैयरी करें और जिस हिसाब से तैयारी कर रहे हैं उसी हिसाब से अपनी किताबें चुनें। जागृति अवस्थी हर रोज 10 से 12 घंटे अपनी पढ़ाई को देती थी।