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Success Story : 51 साल की उम्र में पति का सपनो पूरा करने के लिए बनी SDM, जानिए सफलता की कहानी

 
Success Story : 51 साल की उम्र में पति का सपनो पूरा करने के लिए बनी SDM, जानिए सफलता की कहानी
IAS Success Story : एक तरफ ज्योति मौर्य की कहानी हर जगह पर चल रही है। जिसके पति ने पढ़ा लिखाकर एसडीएम बनाया। ज्योति मौर्या अपने पति को ही अफसर बनने के बाद छोड़ देती हैं। दूसरी और एक महिला ने अपने पति के सपने को पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत करी और 51 साल की आयु में जाकर एसडीएम(SDM) बनी। आज हम आपको उनकी सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे सुन आपके मन में भी कुछ करने की प्रेरणा जाग्रत होगी। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी। Dainik Haryana News :#UPSC Success Story (ब्यूरो): वैसे तो आप सोच रहे होंगे के ऐसी कौन सी अफसर की परीक्षा है जो 51 साल की आयु में भी दी जा रही है। जी हां, हम बात कर रहे हैं राजस्थान की बागोड़ा उपखंड अधिकारी गरिमा शर्मा(RAS Garima Sharma) 51 साल की उम्र में एसडीएम बनी हैं। उनकी उम्र रिटायर होने की हो चुकी है लेकिन फिर भी उसने अपने पति के सपने को पूरा करने के लिए मेहनत करी और परीक्षा को पास किया। दरअसल, उनके पति का देहांत हो गया है और उनका सपना था कि वो अफसर बने। READ ALSO :Sophia Ansari ने अपलोड किया नया वीडियो, देखते ही आंखे रह जाएंगी खुली की खुली जो महिला विधवा हैं उनको इसमें छूट दी जाती हैं और वो 59 साल तक आरएएस(RAS) बन सकती हैं। बहुत सी महिलाएं ऐसी भी हैं जो इस आयु में और इतना सब कुछ होने के बाद टूट जाती हैं लेकिन गरिमा ने ऐसा नहीं किया। उसने अपने पति के सपने को पूरा करके दिखाया। आरएएस(RAS) में साल 2023 के 905 पदों के लिए आवेदन मांगे गए और बहुत से लोगों ने यही सोचकर परीक्षा नहीं दी के इस उम्र में हम क्या ही कर लेंगे। लेकिन गरिमा ने उन सबको पीछे छोड़ कहा के मेरे पति इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन जब भी वो थे हमेशा मेरे साथ थे। दो साल वो बीमारी से लड़े और उनको देखकर मैने अपना लीवर देने का मन बना लिया था। पूरी प्रक्रिया हो चुकी थी जब लीवर देने की बारी आई तो वो चल बसे। मैं और मेरी बेटी उस समय पूरी तरह टूट गए थे। मैं जयपुर में स्कूलों में टीचर की नौकरी करती थी और मेरे पति हमेशा कहते थे कि गरिमा अफसर बनकर दिखाओ। उन्होंनं मुझे बताया के तुम ये कर सकती हो। साल 2014 में संदीप चले गए और उनके जाने के कुछ दिन बाद मैंने उनके सपने को पूरा करने के बारे में सोचा। READ MORE :Senior Citizen :वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान, सीनियर सिटीजन को हर महीने मिलेंगे 20500 रूपये 2015 में मैं तैयारी में लगी और मैंने तीन परीक्षा दी मेरी तीनों की पास हो गई। मैं उस समय तहसीलदार बनी लेकिन मैंने ऊंचे पद पर जाना था जो मेरे पति चाहते थे। साल 2018 में मैंने आरएएस का परीक्षा दिया और मैं पास कर गई। साल 2021 में मुझे नौकरी के लिए बुला लिया गया और आज मैं गर्व से कह सकती हूं कि मैंने अपने पति का सपना पूरा कर दिया। गरिमा की कहानी सुनकर हमें एक सीख मिलती है कि कभी भी जीवन में हार नहीं माननी चाहिए। अगर आप मेहनत कर रहे हैं तो आपकी मेहनत ऊपर वाला कभी जाया नहीं करता है।