Dainik Haryana News

Haryana : हरियाणा इस गांव में क्यों लगाए गए घरों को ताले, जानें क्या रहा कारण

 
Haryana : हरियाणा इस गांव में क्यों लगाए गए घरों को ताले, जानें क्या रहा कारण
Viral News : टीम ने जब भी लोगों को जमीन लेने के लिए जगह को नापने के लिए साइन कराने को कहा तो लोगों ने उनका विरोध किया और 200 घरों को ताला लगाकर बाहर खड़े होकर चाबियों को अधिकारियों के हाथ में सौंप दिया गया। लोगों ने इसका कारण बताया है कि सरपंचों की वोट ना देने की वजह से कार्रवाही करवाई जा रही है जो गलत है। Dainik Haryana News :#Haryana Latest News (नई दिल्ली) :आज हम आपको हरियाणा के ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर लोगों ने सभी घरों को ताले लगा दिए हैं और घरों से बाहर चले गए हैं। अब आप ये सोच रहे होंगे के आखिर ऐसा क्यों हुआ। इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको हमारी खबर के साथ अंत तक बना रहना होगा उसके बाद ही आपको इस सवाल का जवाब मिल सकेगा।

सिरसा के खेरेका गांव के घरों को लगे ताले :

READ ALSO : Sweden: स्वीडन में कुरान की एक प्रति जलाने पर भड़के लोग ये खबर हरियाणा के सिरसा के खेरेका गांव की है जिसमें मंगलवार को अपने घरों को ताले लगाकर रोष जताते हुए अपने घरों की चाबियां प्रशासन को सौंप दी हैं। बताया जा रहा है कि वहां पर टीम पंचायती जमीन को पैमाना करने गई थी। इसके बाद वहां पर पहुंची टीम का लोगों ने विरोध किया और 200 घरों को ताला लगाकर लोगों ने चाबियां टीम को सौंप दी। प्रशासन का कहना है कि पैमाईश से पहले लोगों को इसकी लिखित सुचना दी जा चुकी है। टीम ने जब भी लोगों को जमीन लेने के लिए जगह को नापने के लिए साइन कराने को कहा तो लोगों ने उनका विरोध किया और 200 घरों को ताला लगाकर बाहर खड़े होकर चाबियों को अधिकारियों के हाथ में सौंप दिया गया। लोगों ने इसका कारण बताया है कि सरपंचों की वोट ना देने की वजह से कार्रवाही करवाई जा रही है जो गलत है। READ MORE :Funny Jokes: हंसी मखोल के बड़े ही मजेदार चुटकुले जानकारी मिली है कि कुछ वर्ग के लोग यहां पर आकर हमें बार बार धमकाते हैं और कहते हैं कि आपने हमें वोट नहीं दिए हैं इसलिए अब हम आपको पंचायती जमीन पर नहीं रहने देंगे। जिन भी लोगों के वहां पर घर बने हुए हैं वो कह रहे हैं कि हम आजादी से पहले के यहां पर रहे रहे हैं आज आप हमें बेघर कर देंगे तो हम कहां रहेंगे। लोगों की पुकार सुनकर अधिकारियों का भी कहना है कि इनके घरों को ना तोड़ा जाए।