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Haryana Govt. : अंग्रेजों जैसा तानाशाह रवैया अपना रही है हरियाणा और केंद्र सरकार!

 
Haryana Govt. : अंग्रेजों जैसा तानाशाह रवैया अपना रही है हरियाणा और केंद्र सरकार!
AAP : सरकार की तानाशाही को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अपने विचार व्यक्त करने का हर नागरिक को अधिकार है। लेकिन गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन करने पर भी पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया जाता है।   Dainik Haryana News : Haryana News : आम आदमी पार्टी (AAP)द्वारा बीती 30 मार्च को शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे नेताओं व कार्यकर्ताओं को सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा हिरासत में लेकर उन पर दर्ज किए गए मुकदमे निंदनीय है। गठबंधन की इस सरकार में सरेआम लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।   उपरोक्त विचार आम आदमी पार्टी(AAP) साऊथ हरियाणा की पूर्व संयुक्त सचिव पंकज बाला मालड़ा व पूर्व प्रदेश सचिव मंजू गुप्ता ने प्रैस के नाम जारी बयान में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि केंद्र व हरियाणा सरकार की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। जब बात खुद की पार्टी और मंत्रियों पर आती है तो नियमों को ताक पर रखकर आरोपितों को संरक्षण दिया जाता है। वहीं दूसरी पार्टी के नेताओं पर बिना आरोप सिद्ध हुए उन्हें जेल में डाल दिया जाता है। READ ALSO : My Crop-My Details Portal : आज ही करा दें सुचना दर्ज, एक दिन बाद बंद हो जाएगा मेरा फसल मेरा ब्योरा पोर्टल सरकार की तानाशाही को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अपने विचार व्यक्त करने का हर नागरिक को अधिकार है। लेकिन गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन करने पर भी पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया जाता है। उन्होंने 30 मार्च को आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुशील गुप्ता सहित राज्य व जिलों के सैकड़ों पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने के बाद भी उनके साथ धक्का मुक्की करना, हिरासत में लेना और कुछ नेताओं पर मुकदमा दर्ज करने की घोर निन्दा की है। READ MORE : Haryana News: सड़क हादसे में धनौंदा निवासी लगभग 16 वर्षीय नाबालिग की मौत उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश की जनता सरकार की तानाशाही को देख रही है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो आप पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं पर दर्ज किए गए मुकदमों को तुरंत प्रभाव से रद्द करें। अन्यथा जनता आने वाले विधानसभा चुनावों में किसानों, मजदूरों, कर्मचारियों, सरपंचों सहित तमाम कमेरे वर्ग पर हुए लाठीचार्ज का हिसाब लेगी। जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।