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Haryana News : इस तारीख तक किसान करा सकते हैं कपास का पंजीकरण

 
Haryana News : इस तारीख तक किसान करा सकते हैं कपास का पंजीकरण
Haryana Update : हरियाणा कृषि तथा किसान कल्याण विभाग की ओर से हरियाणा फसल सुरक्षा योजना के तहत जिला महेंद्रगढ़ के किसान मामूली शुल्क के साथ 27 सितंबर तक अपनी कपास की फसल का पंजीकरण करवा सकते हैं। इस पर मात्र पांच प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करवाना होगा। Dainik Haryana News,Haryana News In Hindi(नई दिल्ली):  जिला महेंद्रगढ़ के किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाकर कपास की फसल के नुकसान की अवस्था में सरकार द्वारा निर्धारित सुरक्षा राशि प्राप्त कर सकते हैं।उन्होंने बताया कि कपास की फसल खराब होने पर अधिकतम वित्तीय सहायता 30 हजार रुपए प्रति एकड़ तक दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए किसान को 1500 रुपए प्रति एकड़ शुल्क जमा करवाना होगा। श्रीमती गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में अन्य किसी जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 18001802117 तथा एग्री हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन वेबसाइट पर जाकर जानकारी ले सकते हैं। READ ALSO :Hindi Jokes: फनी जोक्स उपायुक्त एवं जिला बाल कल्याण परिषद की अध्यक्षा मोनिका गुप्ता (आईएएस) के मार्गदर्शन में आज बाबा खेतानाथ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सिहमा में बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। बाल अवस्था कोरे कागज की तरह होती है। जब बच्चा छोटा होता है, तभी से उसमें अच्छे संस्कार रूपी पौधा रोपा जाना सम्भव होता है, जिसे समय के साथ और अधिक पुष्पित व पल्लवित किया जा सकता है। ऐसे में प्रत्येक परिवार के हर एक सदस्य का दायित्व है कि बच्चों में भौतिक संसाधनों के स्थान पर अच्छी शिक्षा व संस्कार देने का लक्ष्य तय करें क्योंकि आज के युवा जिस तनाव, अवसाद, गलत संगत, अंधविश्वास और अनुशासनहीनता की गिरफ्त में है, उसका मूल कारण परिवारों में संस्कारों का अभाव ही है। ऐसे में यदि आरम्भ से बच्चों को सुसंस्कार दिए जाएं तो वे न केवल अपना जीवन सुधारेंगे बल्कि परिवार के अलावा आमजन का भी सम्मान करेंगे। आज व्यक्ति एवं समाज में साम्प्रदायिक्ता, जातीयता भाषावाद्, हिंसा, अलगाववाद, भ्रष्टाचार, यौनशोषण, नशाखोरी, भ्रुण हत्या की संकीर्ण भावनाओं व समस्याओं के मूल में नैतिक मूल्यों का पतन ही उत्तरदायी कारण है। मानव को सामाजिक प्राणी होने के नाते कुछ सामाजिक नीतियों का पालन करना पड़ता है जिनमें संस्कार, सत्य, परोपकार, अहिंसा आदि शामिल है। वास्तव में ये सभी नैतिक गुणों में आते हैं और बच्चों को इन्हें बचपन से ही धारण कर लेना चाहिए ताकि अच्छे परिवार, समाज, राष्ट्र का निर्माण हो सके। उन्होंने बच्चों को उच्च श्रेणी की शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की शिक्षा को भी अवधारण करने के लिए प्रेरित किया तथा अपने बुजुर्गो, अध्यापकों व अपने सभी सगे संबंधियों का आदर करने की अपील की तथा उनसे अनुरोध किया कि वे अपने जीवन में कामयाब इन्सान के साथ-साथ एक अच्छे इन्सान बनें अच्छे भारत के निर्माण में वे अपना योगदान दें। READ MORE :Amrik-Sukhdev Dhaba : मुरथल में क्यों नहीं बनता मांसाहारी खाना, वजह जान हैरान हुए लोग उत्कृष्ट चरित्र ही मानव जीवन की कसौटी है। यों तो धन, विद्या, कला, शक्ति आदि का भी मनुष्य के जीवन में अपना स्थान है, महत्व है, किन्तु धर्म, बुद्धि द्धारा यदि इनका नियंत्रण नहीं होता, तो सब मनुष्य और समाज के लिए अहितकर सिद्ध हो सकते हैं। मनुष्य निर्धन हो, अधिक विद्धान, शक्ति, प्रभुता सम्पन्न न भी हो तो भी जीवन की उपयोगिता और महता में कोई कमी नही आती। इसके विपरित व्यक्ति इन सबसे सम्पन्न हैं, लेकिन चरित्रवान नही हैं, तो वह सबसे दीन-हीन व मलीन है। इससे न अपना भला हो सकेगा और न ही समाज का। उत्तम विचार वाला व्यक्ति समाज के लिए एक बहुत बड़ी सम्पत्ति है। इस मौके पर संस्था के चेयरमैन विजय सिंह यादव ने नैतिक मूल्यों पर अपने विचार रखे और बच्चों से अपील की कि वे बताई गई सभी बातों को अपने जीवन में व्यवहारिक रूप से लागू करें तथा अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ अच्छे नागरिक भी बने।